CIL के शानदार प्रदर्शन ने हर किसी के चेहरे पर रौनक ला दी है। सीएमडी (CMD) प्रमोद अग्रवाल काफी गदगद हैं।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। वित्त वर्ष 2022-23 में कोल इंडिया (CIL) के शानदार प्रदर्शन ने हर किसी के चेहरे पर रौनक ला दी है। सीएमडी (CMD) प्रमोद अग्रवाल काफी गदगद हैं। उनका कहना है कि यह ऐसा पल है, जब हमारी कंपनी ने कई ऐतिहासिक ऊंचाइयां हासिल की है, यह गर्व की बात है कि कर्मचारी-अधिकारी इस इतिहास का हिस्सा बने हैं।
कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी द्वारा उत्पादन में नए मानक स्थापित करने, अधिक अधिभार हटाने (OBR), ऑफ-टेक और विद्युत क्षेत्र को आपूर्ति करने में दिखाए गए विश्वास, दृढ़ता और धीरज की सराहना करता हूं।
कार्मिकों को बधाई संदेश में सीएमडी ने कहा-ऐसा पहली बार हुआ है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 703.2 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर 700 मिलियन टन के एक अभेद्य लक्ष्य को पार किया है। यह कोई आसान कार्य नहीं था। विगत वित्त वर्ष की तुलना में एक ही वर्ष के भीतर लगभग 81 मिलियन टन की वृद्धि, कंपनी की स्थापना के बाद से एक ऐतिहासिक मुकाम है।
यह 2015-16 में दर्ज किए गए उच्चतम उत्पादन 44.5 मिलियन टन के रिकार्ड से लगभग दोगुना है। इस वर्ष की वृद्धि की यह मात्रा लगभग विगत सात वित्त वर्षों की संयुक्त वृद्धि दर है, जो 84 मिलियन टन थी।
बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2023 में देश के कोयला आधारित संयंत्रों को अब तक की सबसे अधिक आपूर्ति 586 मिलियन टन की है। यह वित्त वर्ष की शुरुआत में लक्षित मांग से 21 मिलियन टन अधिक है। अधिभार हटाव में भी 294.8 मिलियन क्यूबिक मीटर की उच्च वृद्धि मात्रा के साथ कुल 1656.8 मिलियन क्यूबिक मीटर के नए रिकॉर्ड तक पहुंचा है।
यह एक उत्साहजनक और सकारात्मक संकेतक है फलस्वरूप अधिभार हटाव से भविष्य में तेजी से कोयला निकासी में मदद मिलेगी। 694.7 मिलियन टन का अब तक का सर्वाधिक कुल कोयला प्रेपण और भी अधिक हो सकता था, लेकिन इसके पीछे कुछ प्रतिबंधित कारक रहे हैं।
सीएमडी प्रमोद अग्रवाल ने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यह समय आज हमारी इस उपलब्धि पर रुकने का नहीं है। जो लक्ष्य हासिल किया गया है वह संतोषजनक है लेकिन 2023-24 का लक्ष्य अब हमारे सामने है। 780 मिलियन टन उत्पादन और कोयला प्रेषण का हमारा लक्ष्य और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। हमें विश्वास है कि अधिभार हटाव में जो वृद्धि हुई है। यह वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही से ही उच्च उत्पादन के रुप में परिलक्षित होगी।
देश की उम्मीदें बहुत बढ़ गई है। निष्पादन पर बारीकी से नजर रखी जाएगी और उसका आकलन किया जाएगा। यह साबित करने की आवश्यकता है कि हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान सफल प्रदर्शन संयोगवश नहीं है, बल्कि एक योजनाबद्ध तथा निरंतर प्रयास का परिणाम है।