Hotel News: 50 किलो से अधिक गीला कचरा निकालने वाले होटलों को कम्पोस्ट पिट बनाना अनिवार्य

Hotel News: Hotels producing more than 50 kg of wet waste are required to install compost pits
कितले किलो खाद बनाया गया। सूखा कचरा एकत्रित कर नगर निगम के सफाई वाहन में देना अनिवार्य है।
  • सभी को अपने होटल में रजिस्टर मेंटेन करना होगा, कि उनके यहां से कितना किलो गीला कचरा निकला।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई के होटल संचालकों के लिए बड़ा संदेश है। भिलाई नगर निगम ने अब नई व्यवस्था को लागू कर दिया है। 50 किलो से अधिक बल्क जनरेट कचरा उत्पादन करने वाले होटलों को कम्पोस्ट पिट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

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स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शासन की गाइडलाईन है कि प्रत्येक होटल व्यवसायिक जहां पर 50 किलो से अधिक गीला कचरा निकलता है, उसको अपने होटल परिसर में कम्पोस्ट पिट का निर्माण करना अनिवार्य है। होटलो से जो भी अनउपयोगी खादय पदार्थ निकलता है, उसे कम्पोस्ट पिट के माध्यम से खाद के रूप में परिवर्तित करना है।

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इसके लिए कुछ सिस्टमेटिक मशीने बाजारो में मिल रही है। नहीं तो देशी विधि से दो बाई दो का गडडा करके उसमें गुड़, मिटटी, गोबर, केंचुआ का छोटा सा अवशेष डाल देने से उसमें अपने आप रसायनिक क्रिया होने लगती है और वह बहुत उपयोगी खाद बन जाता है। बीच-बीच में उसमें पानी डालना रहता है। इस खाद का उपयोग होटल व्यवसायी अपने बागवानी, गमले, पेड़-पौधो में कर सकते है।

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सभी को अपने होटल में रजिस्टर मेंटेन करना होगा, कि उनके यहां से कितना किलो गीला कचरा निकला, कितना किलो खाद बनाया गया। सूखा कचरा एकत्रित कर नगर निगम के सफाई वाहन में देना अनिवार्य है। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान होटल के सफाई व्यवस्था पर भी रैकिंग निर्धारित है।

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आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय, जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली को लेकर निगम क्षेत्र के होटलों में किये जा रहे कम्पोस्टिंग पिट का निरीक्षण किये। इसके साथ ही सब्जी मंडी, पार्क, सार्वजनिक शौचालय, बाजार आदि जगहो का भी साफ-सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किए और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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निगम के अधिकारी नेहरू नगर ईस्ट पिंग गार्डन के समीप एम मोगे, राजेश सूद के घर गए। उनके द्वारा किये जा रहे अपने बागवानी में कम्पोस्ट पिट का निरीक्षण किये। बहुत ही सिस्टेमेटिक ढंग से उनके द्वारा कम्पोस्ट पिट बनाया गया है। उन्होने निगम आयुक्त को बताया मेरे यहां किसी भी पौधे में रसायनिक खाद का उपयोग नहीं होता है।

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मेरे घर के फूलो में भी महक अच्छी होती है किसी प्रकार का खाद बनाने से बदबु भी नहीं होता है, सबको उपयोग करना चाहिए। निरीक्षण के दौरान जोन सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अंकित सक्सेना, जनसम्पर्क अधिकारी अजय शुक्ला, जोन स्वास्थ्य निरीक्षक कमलेश द्विवेदी, पीआईयू सुभम पाटनी, अभिनव ठोकने आदि उपस्थित रहे।

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