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Bhilai में लीजधारियों का आंदोलन फिर शुरू, लाइसेंस और रोकी गई रकम पर हंगामा

Bhilai में लीजधारियों का आंदोलन फिर शुरू, लाइसेंस और रोकी गई रकम पर हंगामा
  • सेल चेयरमैन,सीएम, विधायकों को मांग पत्र की कापी भेजी गई।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति (House Lease Joint Struggle Committee) द्वारा एक बार फिर से आंदोलन तेज कर दिया गया है। मुर्गा चौक, भिलाई में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निदेशक प्रभारी, भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) को सेल हाउस लीज, लाइसेंस योजना के विस्तारीकरण के विषय मे 6 बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपा गया। इससे पहले आइआर डिपार्टमेंट के गेट पर नारेबाजी की गई।

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पूर्व कार्मिकों को एवं विधवा महिलाओं को त्वरित कार्यवाही कर लाइसेंस योजना के विस्तारीकरण कर राहत देने तथा अनाधिकृत रूप से रोकी राशि तुरन्त वापस करने एवं भविष्य में इसका स्थायी हल निकालने हेतु ज्ञापन प्रेसित किया गया।

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यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी लोकसभा चुनाव के आचार संहिता लागू होने के पूर्व यदि प्रबंधन इस पर निर्णय नहीं लेता है तो समिति प्रभारी प्रबंधक के असहयोग हेतु आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन की ही होगी।

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ज्ञापन की प्रतिलिपि सेल चेयरमेन, सेल निगमित कार्या. दिल्ली; मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, देवेन्द्र यादव-विधायक, भिलाई नगर तथा ललित चंद्राकर-विधायक दुर्ग ग्रामीण को भी सौंपा गया।

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1. लगातार नियमित कर्मियों की संख्या घटते क्रम में होने के कारण एवं रख रखाव के अभाव में जहां सन 2001-03 के मध्य सेल हाउस लीज योजना लागू की गई थी। जिसमे 4352 आवासों को 30 वर्षीय पट्टे पर कार्मिकों को आबंटित की गई थी। वहीं, इसी योजना का विस्तारीकरण करते हुए कम्पनी ने लाइसेंस योजना का क्रियान्वयन किया था। जिसमें सुरक्षा निधि राशि मात्र 10,000 रुपए थी।

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सन 2021 में इसी योजना के तहत 400 वर्गफीट आवासों को एकमुश्त सुरक्षा निधि राशि 5,00,000 रु. जमा कर व 2 रु. प्रति वर्गफूट के दर से इन आवासों का किराया निर्धारण किया गया था।

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2. यह उल्लेखनीय है कि पूर्व केबिनेट इस्पात मंत्री स्व. रामविलास पासवान ने सेल के स्वर्ण जयंती के अवसर पर 9 फरवरी 2008 को हाउसलीज योजना के पुनः लागू करने की खुली घोषणा भिलाई में की थी। जिसका अनुमोदन 24-25 जुलाई 2008 को सेल बोर्ड की बैठक में किया जा चुका है। जहां विशेष प्राथमिकता के आधार पर भिलाई में इसे तुरन्त लागू करने की बात भी कही गयी थी।

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3. इस घोषणा के पश्चात कार्मिकों के अंतिम भुगतान में हाउसलीज रिकवरी के नाम से 2,00,000 रु. रखकर कई कार्मिकों को आवास आबंटित किया गया था।

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4. इसके पश्चात सन 2009 में रिटेंशन स्कीम के तहत 2-4 लाख सुरक्षा निधि के रूप में जमा करवाकर हजारों पूर्व कार्मिक उन्हीं आबंटित आवास में रहते हैं। इस रिटेंशन योजना को भविष्य की रुपरेखा में इसे हाउसलीज / लाईसेंस योजना में परिवर्तित कर देना था। इसी योजना में सन 2017 में सुरक्षा निधि की राशि में आकस्मात बढ़ोतरी कर 8-10 लाख रुपया कर दिया गया तथा रिटेंशन अवधि की समय सीमा 2 साल से घटाकर मात्र 6 महीने की कर दी गई थी।

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5. इसके अलावा प्रबंधन ने मनमानी पक्षपात पूर्ण तरीके से बिना कोई कारण के कई कार्मिकों को रिटेंशन स्कीम से वंचित कर 40 लाख रु. तक की राशि पूर्व कार्मिकों से बगैर ब्याज के रख ली है। जिसकी सूचना तक पूर्व कार्मिकों को नहीं दी जाती है।

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6. विधवा महिलाओं से 40 लाख रुपए तक वापसी योग्य राशि से वंचित कर दिया गया है। ऐसे परिवार भी इन्हीं आवासों में लीज / लाईसेंस योजना की आस में अभी भी रहते हैं। ईएफबीएस के स्कीम के तहत उनकी जमा राशि के आधार पर आवंटित आवासों में रह रही।

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7. सेल पेंशन योजना (SAIL Pension Scheme) से बिना कारण वंचित पूर्व कार्मिकों को इसे तुरन्त प्रदान की जाए। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) की गैर कानूनी एवं पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के कारण जहां हजारों वरिष्ठ नागरिकों (पूर्व कार्मिकों) के उपर अत्यंत आर्थिक बोझ बिना ब्याज के सुरक्षा निधि व पेनल रेंट के रूप में भारी राशि थोप दिया जाता है।

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वहीं, इन्हें मानसिक प्रताड़ना अवैध घोषित कर करते हैं। जो कुल मिलाकर सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना ही है। जबकि हजारों लोगों को प्रबंधन के अघोषित सहयोग से कम्पनी आवास एवं जमीन का मुफ्त लाभ कई वर्षों से मिल रहा है। जिससे कम्पनी को करोड़ों की क्षति हो चुकी है। ज्ञातव्य हो कि हम इस हेतु पिछले 10 वर्षों से आंदोलनरत हैं।

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