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मणिपुर हिंसा: SAIL के Bhilai Steel Plant और राजहरा आयरन ओर माइंस के कर्मचारियों संग कई संगठन उतरे सड़क पर

मणिपुर हिंसा: SAIL के Bhilai Steel Plant और राजहरा आयरन ओर माइंस के कर्मचारियों संग कई संगठन उतरे सड़क पर
  • दल्ली राजहरा के संगठन मणिपुर में प्रायोजित हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार की कड़ी निंदा व प्रदर्शन के माध्यम से आक्रोश व्यक्त किया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई/राजहरा। मणिपुर हिंसा के खिलाफ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारी भी भड़क गए हैं। भिलाई स्टील प्लांट और आयरन ओर माइंस दल्ली राजहरा के कार्मिकों ने विरोध-प्रदर्शन किया। विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाओं पर रोक लगाने तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र प्रशासन को सौंपा गया है। राजहरा में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।

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वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर की घटनाएं साबित कर दिया कि वहां की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से ध्वस्त हो गई है। मुख्यमंत्री के प्रति जनता का विश्वास टूट गया है और वामपंथी संगठनों ने मांग किया है कि मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह को तुरंत बर्खास्त किया जाए। मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हुए हिंसा एवं महिलाओं पर हुए अत्याचार को रोकने में नाकामयाब होने की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर देश के गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

वामपंथी पार्टियां भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) लिबरेशन तथा जन संगठन सीटू, एटक, ऐक्टू, जनवादी महिला समिति, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, जन संस्कृति मंच, मसीह समाज, सत्संग भिलाई, इप्टा, जनवादी लेखक संघ, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ के सदस्य शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे तक सेल परिवार चौक, (बेरोजगार चौक) भिलाई में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पश्चात तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा गया।

मणिपुर की घटना सभ्य समाज के लिए कलंक
राजहरा और भिलाई में हुए प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा-विगत दिनों दो कुकी महिलाओं पर भीड़ द्वारा यौन हमले की वीभत्स घटना का सामने आया हुआ वीडियो 04 मई का है। मणिपुर जनता की उन्मादी भीड़ ने जिस तरीके से दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने के बाद उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया है।

वह सभ्य समाज के लिए कलंक है। यह घटना पूरे समाज को कलंकित व शर्मसार किया है। जिन दोनों आदिवासी महिलाएं के साथ इस तरह की पाशविक कृत्य किया है। उन्ही परिवार के दो लोगों को उस उन्मादी भीड़ ने हत्या भी इसलिए कर दिए, क्योंकि वो परिवार के सदस्य उन दो महिलाओं को बचाने के लिए आए थे। गौरतलब बात यह भी है की उन दोनो महिलाओं में से एक महिला की पति भारतीय सेना में सेवारत थे, जो कारगिल के युद्ध में हिस्सा लिया था और शांति सेना के रूप में श्रीलंका में भी गए थे।

मणिपुर की घटना पर राजनैतिक लाभ लेने मे जुटी है केन्द्र सरकार
वक्ताओं ने मणिपुर की घटनाएं पर भाजपा नेतायों की भ्रमित और मणिपुर सरकार की बचाव में दिए जा रहे बयान की भी तीखी निंदा की है। प्रधानमंत्री स्वयं लंबे समय तक मणिपुर के सवाल पर चुप्पी साधे रहे। पूरी विपक्षी दलों ने संसद के सभी कार्यवाहियो को स्थगित कर मणिपुर के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने की मांग कर रहे है, लेकिन सत्ता पक्ष बहस करने को तैयार नहीं है ताकि भाजपा की नाकामी पूरे देश को पता न चले। मोदी सरकार अपनी डबल इंजन सरकारों की अकर्मण्यता को छुपाने की भरपूर प्रयास कर रही है।

बेटी बचाओ नारे की धज्जियां उड़ा रहा है केंद्र सरकार
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए महिलाओं ने कहा कि मणिपुर मे तीन माह से लगातार महिलाओं, पर हिंसा बलात्कार की घटना किया जा रहा है ।भाजपा ने अपने भक्तो को इंसान से हैवान बना दिया है, देश में महिलाओं, बेटियों पर इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले दोषियों को सम्मानित करने की परंपरा बढ़ी है। देश को गौरव दिलाने वाली पहलवान बेटियों पर भाजपा सांसद यौन उत्पीड़न करते हैं।

उन्हें न्याय के बजाय लाठी जेल दिया जाता है। आदिवासी गरीब पर पेशाब किया जाता है। यह सब षड्यंत्र कार्पोरेट मनुवादी गटजोड़ की साजिश है, जो कार्पोरेट लूट और देश बेचने की साजिश से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
दल्ली राजहरा के संगठन मणिपुर में प्रायोजित हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार की कड़ी निंदा व प्रदर्शन के माध्यम से आक्रोश व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा-मणिपुर राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त कर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। मणिपुर में हो रही हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में जांच करवाई जाए तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

मणिपुर में जारी हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार पर रोकथाम के लिए सैन्य बलों सहित सभी समुचित उपाय अपना कर राज्य में जल्द से जल्द शांति स्थापित किया जाए। इस दौरान हिन्दुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन (सीटू), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, बौद्ध महासभा राजहरा के सदस्यों ने संबोधित किया।

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