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NJCS में ही बगावत: डीके पांडेय पर गुस्सा, वंश बहादुर बोले-Bhilai का कर्मचारी कामचोर नहीं, 300 शहादत याद है न…

NJCS में ही बगावत: डीके पांडेय पर गुस्सा, वंश बहादुर बोले-Bhilai का कर्मचारी कामचोर नहीं, 300 शहादत याद है न…
  • वंश बहादुर सिंह ने कहा कि डीके पांडे को भिलाई की कार्य संस्कृति पता नहीं है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) नेता के बयान पर एनजेसीएस (NJCS) के ही नेता ने गुस्सा उतार दिया है। पिछले दिनों बीएमएस (BMS) के नेता व एनजेसीएस सदस्य डीके पांडेय (NJCS Member DK Pandey) के विवादित बयान पर एनजेसीएस सदस्य व इंटक महासचिव ने बयान देकर सबको हैरान कर दिया है।

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बीएमएस के एनजेसीएस नेता डीके पांडे के उस बयान पर कड़ी आपत्ति की है, जिसमें उन्होंने कहा कि “बायोमेट्रिक सिस्टम (Biometric System) के विरोध का मतलब है कि हम ड्यूटी नहीं करना चाहते।” वंश बहादुर सिंह ने कहा कि डीके पांडे को भिलाई की कार्य संस्कृति पता नहीं है। भिलाई के कर्मचारी बिना बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के सेल में सर्वोच्च प्रोडक्शन एवं प्रॉफिट देते आए हैं।

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भिलाई का कर्मचारी कामचोर नहीं है। कोरोना महामारी में भिलाई ने 300 कर्मचारियों की शहादत देकर लगातार प्रोडक्शन बनाए रखा, जिसके कारण महामारी के दौरान सेल की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई। संयुक्त यूनियन ने डीके पांडे को कड़ी चेतावनी चेतावनी देते हुए कहा कि वे आगे इस तरह भिलाई के श्रमिकों के सम्मान के खिलाफ कोई बयानबाजी ना करें।

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बता दें कि भिलाई सहित सेल कर्मचारियों का 1 जनवरी 2017 से वेज रिवीजन लंबित है। कर्मचारियों का 39 महीने का एरियर्स, हाउस रेंट अलाउंस सहित विभिन्न मुद्दों पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। सेल प्रबंधन के अड़ियल रवैया के खिलाफ 29 एवं 30 जनवरी को यूनियनों ने सेल में हड़ताल करने का निर्णय लिया था। इसके लिए 24 जनवरी 2024 को मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) नई दिल्ली के समक्ष कॉन्सिलिएशन बैठक हुई, जिसमें सेल प्रबंधन (SAIL Management) ने यह वादा किया था कि कर्मचारियों के सभी मुद्दों का ढाई महीने में समाधान कर लिया जाएगा, लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों का 39 महीने का एरियर, हाउस रेंट एलाउंस, बोनस फार्मूला इत्यादि मुद्दों पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इसी बीच सेल प्रबंधन ने मनमानी करते हुए सेल की इकाइयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने का निर्णय ले लिया।

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