- सेल आरएसपी यूनियन चुनाव 2024 का रिजल्ट।
- इंटक और बीएमएस में सीधा मुकाबला रहा।
- महज 136 वोटों से बीएमएस को हार का सामना करना पड़ा।
- इंटक की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई या कर्मचारियों का रिटायरमेंट।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के राउरकेला स्टील प्लांट (Rourkela Steel Plant) की यूनियनों की सियासत तय हो गई। हार-जीत का फैसला हो चुका है। कहीं ढोल-नगाड़े बजे। कहीं मायूसी छाई है। 136 वोटों से राउरकेला इस्पात कारखाना श्रमिक संघ-बीएमएस (Rourkela Steel Plant Employees Union-BMS) चुनाव हार गई।
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राउरकेला श्रमिक संघ-इंटक को जीत नसीब हुई। मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा इंटक को मिल गया है। प्रमाण पत्र मिलने के बाद इंटक के पास अधिकार होगा कि वह प्रबंधन के साथ समझौता कर सके। अब देखना यह होगा कि वादों पर कितना खरा उतरते हैं। फिलहाल, चुनावी गुणा-गणित पर आइए बात करते हैं।
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सेल आरएसपी के यूनियन चुनाव में 9437 कर्मचारियों में से 8949 ने वोट डाले थे। पिछले चुनाव और इस बार के चुनाव में मिले वोटों का अंतर हैरान करने वाला है। दो साल तक मान्यता में रही इंटक की लोकप्रियता काफी घटी है, वह भी शुभ अंकों में।
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2021 के यूनियन चुनाव में राउरकेला श्रमिक संघ-इंटक (Rourkela Shramik Sangh-INTUC) को 5200 वोट प्राप्त हुए थे। अबकी बार 4199 वोट मिले। इंटक का 1001 वोट घट गया। बस, किस्मत अच्छी थी कि राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ-बीएमएस (Rourkela Steel Plant Employees Union-BMS) के खाते में यह वोट पूरी तरह से शिफ्ट नहीं हुए। अगर, ऐसा होता तो निश्चित रूप से इंटक खतरे में नजर आती। जनरल सेक्रेटरी पीके बेहरा कहना है कि हर साल कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। रिटायरमेंट की वजह से वोट घटा है।
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बीएमएस को पिछले चुनाव में 3878 वोट मिले थे, इस बार 4063 वोट ही मिल सके। इस तरह बीएमएस के खाते में 185 वोट अधिक पड़े। रिजल्ट यह है कि बीएमएस को 136 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
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वहीं, सीटू की बात की जाए तो बुरे दौर से गुजर रही है। रिजल्ट बता रहा है कि संगठन चारों-खाने चित हो चुका है। पिछले चुनाव में सीटू ने 160 वोट प्राप्त किए थे। दो साल के बाद चुनाव होने के बावजूद महज 2 वोट ही बढ़ा सकी। इसे 162 वोट मिला। सिर्फ 2 वोट ही सीटू का बढ़ सका।
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तीसरे नंबर पर राउरकेला मजदूर सभा-एचएमएस है। पिछले चुनाव में एचएमएस को 670 वोट मिले थे, जो इस बार घटकर 208 वोट पर आ गई। 462 वोटों का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि एचएमएस में गुटबाजी की वजह से वोटों का बिखराव हुआ है।
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चुनाव में यूनियनों को मिले वोट
19 वोट: आम मजदूर संगठन
08 वोट: इस्पात लेबर यूनियन
4063 वोट: राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ-बीएमएस
06: लौह मजदूर यूनियन
03 वोट: नार्थ ओडिशा वर्कर्स यूनियन
208 वोट: राउरकेला मजदूर सभा-एचएमएस
109 वोट: राउरकेला इस्पात कर्मचारी संघ
17 वोट: राउरकेला श्रमिक पंचायत
4199 वोट: राउरकेला श्रमिक संघ
35 वोट: राउरकेला स्टील मजदूर यूनियन
59 वोट: राउरकेला वर्कर्स यूनियन
162 वोट: स्टील इम्प्लाइज ट्रेड यूनियन-सीटू
63 वोट: कैंसिल
8951 वोट: कुल