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SAIL NJCS: दिल्ली नहीं, खदान में कीजिए मीटिंग, दर्द और संघर्ष देखकर दीजिए DASA 10%

SAIL NJCS: दिल्ली नहीं, खदान में कीजिए मीटिंग, दर्द और संघर्ष देखकर दीजिए DASA 10%
  • झारखंड ग्रुप ऑफ खदान के कर्मचारियों ने अपनी आवाज भी उठा दी है। लगातार उपेक्षित होने का आरोप लगाया गया है।

सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-NJCS की बैठक जल्द होने वाली है। सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश और डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह से एचएमएस नेताओं की मुलाकात में इस बात का दावा किया गया। बैठक में 39 माह एरियर, रात्रि पाली भत्ते और पेंडिंग सभी समस्यायों का समाधान होने की उम्मीद है। इसकी भनक लगते ही झारखंड ग्रुप ऑफ खदान के कर्मचारियों ने अपनी आवाज भी उठा दी है।

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खदान के श्रमिक संगठनों का कहना है कि NJCS में बैठने वाले नेताओं से आग्रह है कि खदान की समस्या पर भी ध्यान दें। चर्चा करें। दासा 10% के बदले 8% भुगतान किया जा रहा है, जब कि DPE Guidline जो DOE द्वारा जारी किया गया है, उसमे CPSE में कार्य करने वाले कर्मचारीयों जहां जरूरत है 10% दासा भुगतान करने का प्रावधान रखा गया है।

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सेल प्रबंधन अपनी इच्छा से इसे 10% के बदले 8% भुगतान कर रही है। एनजेसीएस बैठक में इसे 10% कराने की मांग की गई है। खदान के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है, जिससे चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है। इसे दुरुस्त किया जाए। बहाली पर भी चर्चा हो। खदान कर्मी किस तरह कार्य करते हैं, जिसे देखना हो वह किरीबुरु, मेघाहाताबुरु, गुवा, बुलानी खदान में आ कर देखें।

सेल प्रबंधन भी इस मौसम में किरीबुरु का दौरा करे। तकलीफ को महसूस करे। अथवा अगली NJCS बैठक किरीबुरु मेघाहाताबुरु खदान परिसर में करें। फॉगी मौसम का मजे भी लें। खदान की भ्रमण भी करें। Dumper ऑपरेटर 100 टन के dumper को इस मौसम में कैसे चला कर उत्पादन दे रहे हैं, देखें।

संयंत्रों की चिमनी में धुओं निकलता है, इससे पीछे की मेहनत को भी समझें। बैठक में सेल खदानों की भी चर्चा हो। सेल CSR में करोड़ों खर्च कर रही है। CSR का पैसा सेल कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई है, जो स्थानीय लोगों की उन्नति में खर्च करने के लिए बनाया गया एक संस्था CSR के माध्यम से होता है। इस में पारदर्शिता हो। इसके लिए स्थानीय लेवल में कमेटी बनाई जाए, जिसमे सभी स्थानीय श्रमिक संगठन की सदस्यता रहे।