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UP के बलिया में झुलसी महिला की जिंदगी बची Bhilai Steel Plant के सेक्टर 9 हॉस्पिटल में, बर्न वार्ड को बड़ी कामयाबी

UP के बलिया में झुलसी महिला की जिंदगी बची Bhilai Steel Plant के सेक्टर 9 हॉस्पिटल में, बर्न वार्ड को बड़ी कामयाबी

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की 53 वर्षीय बुच्चिया देवी का इलाज भिलाई में हुआ। बलिया सदर, कानपुर के अस्पताल में इलाज हुआ था। लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। मध्य भारत के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार भिलाई स्टील प्लांट के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र का नाम एक बार फिर रोशन हो गया है। बर्न वार्ड के चिकित्सकों की टीम मरीज को मौत के मुंह से खींच लाए।

आग से झुलसी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की 53 वर्षीय बुच्चिया देवी का इलाज भिलाई में हुआ। इससे पहले बलिया सदर अस्पताल और कानपुर के महादेवा अस्पताल में इलाज हुआ, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। जख्म से पानी और पस आना शुरू हो गया था।

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लीवर और किडनी भी खराब होने लगे थे। यूपी के डाक्टर केस संभाल नहीं पाए। परिवार वाले सेक्टर-9 हॉस्पिटल लेकर आए और यहां से बुच्चियां देवी अपने पैरों पर चलकर घर की ओर गईं। परिवार वाले अब बर्न यूनिट के इंचार्ज डाक्टर उदय की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। धरती का भगवान बोलकर गए हैं।

जानिए जख्मी बुच्चियां देवी के बेटे संजय की जुबानी कब-क्या हुआ

-यूपी पुलिस के कांस्टेबल हरिलाल अपनी मां को लेकर भिलाई आए थे। संजय के मुताबिक 15 जनवरी की भोर में अलाव की वजह से मां झुलस गईं थीं। कमर के नीचे का हिस्सा काफी झुलस गया था।

-हादसे के बाद तत्काल बलिया जिला सदर अस्पताल ले गए। कुछ दिन में ही डिस्चार्ज कर दिया गया। घर ले आए। हालत बिगड़ी तो कानपुर के महादेवा अस्पताल ले गए। सेहत में सुधार नहीं हो रहा था।

-इस बीच संजय के रिश्तेदार भिलाई स्टील प्लांट के प्लेट मिल के शिपिंग एरिया से रिटायर बबन कुमार ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल के बर्न वार्ड और डाक्टर उदय के बारे में समझाया।

-रिश्तेदार की बातों पर विश्वास करके 6 फरवरी को बुच्चिया देवी को लेकर परिवार के सदस्य भिलाई आए। करीब 22 दिन तक भर्ती रहीं। अब डिस्चार्ज कर दिया गया है।

बर्न यूनिट ने इलाज में अपनी उत्कृष्टता और विश्वसनीयता कायम रखी

-परिवार वालों ने बताया कि बुच्चिया देवी लगभग 25% जल गईं थीं। कानपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में 18 दिन तक इलाज चलता रहा। सेप्टीसीमीया और मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन सिंड्रोम हो गया था। किडनी और लीवर सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे।

-रिश्तेदार ने सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न वार्ड की विशेषताएं बताया। अब एडवांस बर्न केयर डिपार्टमेंट की टीम ने उत्कृष्ट चिकित्सा प्रदान की। घाव में काफी इंफेक्शन था। संक्रमण कम करके तथा उसकी जनरल कंडीशंस इंप्रूव करने के पश्चात ऑपरेशन 15 फरवरी को किया गया। मरीज के स्वस्थ होते ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।

-बीएसपी के रिटायर्ड कर्मी बबन कुमार ने सेक्टर 9 हॉस्पिटल की काफी सराहना की और कहा कि जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल पर भरोसे के कारण मैं इतनी दूर से मरीज लाया था। वह ठीक होकर जा रहा है, मुझे बेहद खुशी है कि भिलाई के सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न विभाग की इलाज में श्रेष्ठता और विश्वनियता बरकरार है।