चंद्र बाबू नायडू का तोहफा: वृद्धावस्था पेंशन 4000 और विकलांगता पेंशन 15,000 रुपए तक बढ़ी, EPS 95 पर भी रहम कीजिए मोदी जी

  • इससे राज्य के खजाने पर 800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  • चंद्र बाबू नायडू ने अपने राज्य के लोगों की भलाई को सभी अन्य विचारों से ऊपर रखा।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 स्कीम (EPS 95 Scheme) के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए करने की मांग की जा रही है। ईपीएफओ और सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। वहीं, राज्य सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी सराहना की जा रही है। मोदी सरकार में शामिल टीडीपी ने पेंशनर्स को खुश करने की कोशिश की है।

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आंध्र प्रदेश में टीडीपी की सरकार है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने वृद्धावस्था पेंशन को 4000 रुपये और विकलांगता पेंशन को 15,000 रुपये तक बढ़ा दिया है, जबकि इससे राज्य के खजाने पर 800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चंद्र बाबू नायडू ने अपने राज्य के लोगों की भलाई को सभी अन्य विचारों से ऊपर रखा है।

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कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) आंदोलन से जुड़े गौतम चक्रवर्ती लिखते हैं कि यह कल्याणकारी राज्य का एक उदाहरण है। भगवान बालाजी ने श्री नायडू को आशीर्वाद दिया है और वे राजनीतिक निराशा से उभरकर राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में आ गए हैं।

लोकसभा चुनावों में प्रभु श्री राम ने भाजपा के साथ जो किया है, उसे दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि नई दिल्ली में एनडीए के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार चंद्रबाबू नायडू से सीख नहीं लेती है और न्यूनतम मासिक ईपीएस 95 पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये+डीए+चिकित्सा देखभाल करके तुरंत सुधार नहीं करती है, तो और भी चुनावी हार होगी।

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अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों या अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक सभाओं की मेज़बानी या वैश्विक स्तर पर विश्व बंधु की छवि पेश करने के लिए चाहे जितनी भी चकाचौंध की जाए, वह वोटों में तब्दील नहीं होगी।

अगर आम नागरिकों को महत्वहीन समझा जाए और उनके हितों की अनदेखी की जाए। और ध्यान रहे, ईपीएस 95 पेंशनभोगी राष्ट्र निर्माता हैं जो अपने योगदान से अपना हक मांग रहे हैं।

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