
- मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों को टोकन पुरस्कार प्रदान किए गए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित राजभाषा नीति के अनुपालन क्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant), राजभाषा विभाग द्वारा चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट चन्द्रपुर में संयंत्र स्तरीय राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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कार्यशाला के मुख्य अतिथि मुख्य महाप्रबंधक (संकार्य-चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) राजेश धर्मराज गायकवाड़ थे व विशिष्ट अतिथि के रूप में महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन-चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) प्रशांत उराडे उपस्थित थे।
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कार्यपालक निदेशक (चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) संजय कुमार गजभिये के निर्देशानुसार उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन-चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) उमेश मधुकर उके, एवं सहायक महाप्रबंधक (कार्यपालक निदेशक सचिवालय-चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) अजय कुमार के संयोजन में आयोजित इस कार्यशाला में संयंत्र के सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
स्वागत उदबोधन प्रस्तुत करते हुए, कनिष्ठ प्रबंधक (मानव संसाधन) शकील अहमद ने बताया कि चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट भाषायी आधार पर ‘ख’ क्षेत्र में शामिल प्रदेश महाराष्ट्र में स्थित है, लेकिन क्योंकि संपूर्ण भारतवर्ष से आए हुए अधिकारी व कर्मचारी यहाँ कार्यरत हैं अतः यहां संवाद की मुख्य भाषा हिंदी है। यहाँ अधिकांश कार्यालयीन कार्य हिंदी में ही किए जाते हैं तथा शत-प्रतिशत कार्य हिंदी में करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने उदबोधन में राजेश धर्मराज गायकवाड़ ने कहा कि हिंदी समूचे भारत में व्याप्त भाषा है। भारत का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो उसकी मातृभाषा हिंदी हो अथवा कोई अन्य भाषा, किंतु वह हिंदी समझता ही है।
हमारे देश भारत की पहचान है हिंदी, समूचे भारत में हिंदी के माध्यम से हम कहीं भी कार्यव्यवहार कर सकते हैं। गायकवाड़ ने कहा हिंदी हम सबके लिए आवश्यक है और हिंदी का प्रचार-प्रसार करना हमारे संयंत्र के निष्पादन में भी सहायक है, इसी उद्देश्य से हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
विशिष्ट अतिथि प्रशांत उराडे ने बताया कि हिंदी भाषा में स्पष्टता अधिक है। हिंदी में बोली गई बातों का भावार्थ वही होता है जो उसका शब्दार्थ होता है। अतः हिंदी संवाद की सरलतम भाषा है, इसलिए हमें हिंदी का ही अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इसमें अर्थ का अनर्थ नहीं होता, इसलिए कार्यालयीन कार्यों में भी हिंदी का प्रयोग करना ही लाभदायक है।
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कार्यशाला में उप प्रबंधक (संपर्क व प्रशासन-राजभाषा-भिलाई इस्पात संयंत्र) जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने समस्त प्रतिभागियों को गूगल ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग प्रशिक्षण दिया तथा ऑनलाइन नोटशीट प्रणाली सैप में हिंदी भाषा में नोटशीट बनाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सामान्य ज्ञान, सुरक्षा एवं पर्यावरण पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसके पुरस्कार विजेता इस प्रकार रहे:-प्रथम-जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट (सिविल पर्यावरण एवं सुरक्षा) आनंद पांडे, द्वितीय महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन) प्रशांत उराडे, तृतीय तकनीकी सहायक (सिविल एवं पर्यावरण) गौतम साहू, प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता रहे- प्रबंधक (भंडार-सामग्री प्रबंधन) नीरज टेंभेकर, अपरेंटिस (मेकेनिकल मेंटेनेंस) अंकित झाड़े, तथा विभागीय अधिकारी (वित्त एवं लेखा) संजय कायरकर।
पुरस्कार विजेताओं को मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया गया व अन्य समस्त प्रतिभागियों को टोकन पुरस्कार प्रदान किये गये। कार्यशाला का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कनिष्ठ प्रबंधक (मानव संसाधन-चन्द्रपुर फेरो एलॉय प्लांट) शकील अहमद ने किया।