बीएसपी कर्मचारियों के प्रमोशन पर NEPP की आफत, सीटू ने ईडी वर्क्स को दिया लेटर, ये मांग

  • पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने ईडी वर्क्स को पत्र लिखकर इसे कैंसिल करने की मांग की।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर बवाल थम नहीं रहा है। नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी कर्मियों के रेटिंग को प्रमोशन से जोड़ने की पॉलिसी पर रोक लगाने की मांग को लेकर सीटू ने कार्यपालक निदेशक संकार्य को पत्र लिखा है।

पत्र में सीटू नेताओं ने कहा कि रेटिंग को प्रमोशन के साथ जोड़ने से जो परिणाम अब कर्मियों के सामने आ रहा है उससे कर्मी हताश है। इसीलिए नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी के तहत कर्मियों को दिए जा रहे रेटिंग को उनके प्रमोशन एवं अपग्रेडेशन के साथ जोड़ने के नियम का अध्ययन कर इस नियम को खत्म करने की दिशा में उचित कदम उठाएं, ताकि कर्मियों का मनोबल बढ़ाया जा सके।

 

NEPP की शर्तों में दर्ज है रेटिंग सिस्टम एवं प्रमोशन रोकने की पॉलिसी

25 जून 2021 को नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी NO. – MPS/Pers/NEPP/2021/334 का समझौता कार्मिक प्रबंधन एवं तत्कालीन मान्यता प्राप्त यूनियन के बीच हुआ था जिसके तहत कर्मियों के प्रमोशन एवं अपग्रेडेशन के साथ यह शर्त जोड़ दिया गया कि किसी कर्मी के प्रमोशन अथवा अपग्रेडेशन के समय उसके 3 साल के रेटिंग का अप्रेजल देखा जाएगा एवं अप्रेजल के अनुसार बी अथवा सी रेटिंग मिलने पर समझौता में दर्ज शर्तों के अनुसार प्रमोशन अथवा अपग्रेडेशन को रोक दिया जाएगा।

 

दो महीने बाद रिटायर होने वाले कर्मी का भी किया जा रहा है काउंसलिंग

30 जून 2021 से लागू हुए नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी के दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां 30 से 35 साल तक संयंत्र के उत्पादन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए संयंत्र को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले कर्मियों को बी अथवा सी रेटिंग देकर प्रमोशन तक रोकने की नौबत आ गई है। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे कर्मी जो स्वास्थ्यगत कारण से लाचार होने के बावजूद उत्पादन में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं तथा कुछ कर्मी जिनका दो महीने से डेढ़ साल की नौकरी बची हुई है ऐसे कर्मियों को बी अथवा सी रेटिंग देकर काउंसलिंग किया जा रहा है, जिसके कारण कर्मियों में हताशा है।

काम का बोझ बढ़ाने के साथ ही सता रहा है रेटिंग का डर

सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा-जब भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना हुई उस समय संयंत्र की क्षमता एक मिलियन टन थी, जिसमें स्थाई 60000 से ज्यादा कर्मी काम किया करते थे। आज 7 मिलियन टन के संयंत्र में लगभग स्थाई 10000 कर्मी कार्यरत हैं एवं कर्मियों पर काम का बहुत ज्यादा बोझ बढ़ गया है। ऐसे में रेटिंग सिस्टम को प्रमोशन के साथ जोड़कर प्रमोशन एवं अपग्रेडेशन को रोकना कर्मियों के खुशी के साथ खिलवाड़ है जिसका असर संयंत्र के उत्पादन पर पड़ेगा।

एथिकल स्टील स्लोगन के हैप्पीनेस की धज्जियां उड़ा रहा है NEPP का अप्रेजल

सीटू नेताओं ने कहा कि संकार्य प्रमुख ने जिस एथिकल स्टील का नारा दिया है। उस नारे के तहत इस्पात उत्पादन में नई परिभाषा के साथ उत्पादन की नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। बशर्ते उसका सही से पालन किया जाए, क्योंकि सुरक्षा के साथ जब इस्पात का उत्पादन होगा तब न केवल सुरक्षा के साथ उत्पादन करने वाले इस्पात के नियम का पालन होगा बल्कि राष्ट्र निर्माण में गौरवान्वित स्थान बना रहेगा।

इसीलिए एथिकल स्टील में हैप्पीनेस का सबसे ज्यादा महत्व है जो सीधे-सीधे काम करने वाले कामगार अर्थात कर्मियों एवं अधिकारियों से जुड़ा हुआ है, जिस पर काम किया जाना जरूरी है। किंतु नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी का अप्रेजल सिस्टम इस हैप्पीनेस की धज्जियां उड़ा रहा है जिसका अध्ययन कर रोक लगाया जाना चाहिए।