फेडरेशन के एसपी डे, सीटू जिला सांगठनिक समिति के संयोजक शांत कुमार, हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन सीटू भिलाई के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने प्रेजेंटेशन दिया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सीटू (CITU) यूनियन कार्यालय में उच्च वेतन पर पेंशन गणना, ग्रेज्युटी के विषय पर और 28-29 सितंबर को भिलाई में फेडरेशन वर्किंग कमेटी कार्यशाला आयोजित होने की जानकारी दी गई। जिसमें फेडरेशन के एसपी डे, सीटू जिला सांगठनिक समिति के संयोजक शांत कुमार, हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन सीटू भिलाई के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने प्रेजेंटेशन दिया।
सीटू भिलाई के अध्यक्ष विजय कुमार जांगड़े, उपाध्यक्ष एवं फेडरेशन के सदस्य संतोष कुमार पुष्टि, फेडरेशन की सचिव सविता मालवीय, सहायक सचिव केवेंद्र सुंदर, सचिव अजय कुमार सोनी, अनूप साह, श्रीनिवासन राव, प्रवीण कालमेघ एवं अन्य पदाधिकारियों ने भी अपनी बात रखी।
28 अक्टूबर 1970 को सेल प्रबंधन और NJCS यूनियनों के बीच ग्रेज्युटी पर एग्रीमेंट हुआ था। जिसमें कर्मियों का ग्रेज्युटी सिलिंग नहीं है। इसी आधार पर ग्रेज्युटी क्लेम किया जा रहा है। इस पर विस्तार से एसपी डे ने समझाया।
ग्रेच्युटी संशोधन आदेश में कई विसंगतियां
श्रमिक नेताओं ने कहा कि 26 नवंबर 2021 को सेल कारपोरेट कार्यालय द्वारा जारी इस आदेश को गौर से पढ़िए। इसमें कई विसंगतियां है।
विसंगति-1: आदेश के कंडिका-1 में दी गई तालिका की पहली पंक्ति में अधिकारियों के ग्रेच्युटी को बढ़ाने का प्रावधान है। ज्ञात हो कि अधिकारियों को सेल पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड में 9% प्रबंधन का अंशदान प्राप्त होता है। यदि उनके ग्रेच्युटी में वृद्धि की जाती है तो उनका सेवानिवृत्ति पश्चात लाभ 30% से ऊपर हो जाएगा, जो सेवानिवृत्त पश्चात लाभ संबंधित DPE के उस दिशानिर्देश का उल्लंघन होगा। इसके तहत सेवानिवृत्त पश्चात लाभ 30% से ऊपर नहीं हो सकता है। ज्ञात रहे सेल कर्मियों को सेल पेंशन फंड में मिलने वाला प्रबंधन का अंशदान सिर्फ 6% है।
विसंगति-2: अगर उक्त आदेश का अनुपालन करते हुए स्थानीय प्रबंधन किसी ऐसे सेवानिवृत्त कर्मी को जिनका (Revised Basic+DA) द्वारा गणना करने पर 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी नहीं बनता है, को 20 लाख रुपए का ग्रेच्युटी भुगतान कर दे, तो यह ना केवल कानून का उल्लंघन होगा, यह उन कर्मियों के साथ नाइंसाफी है, जिनकी दीर्घ सेवाकाल की वजह से बनने वाली उच्च ग्रेच्युटी को अक्टूबर 2021 की pre-revised (Basic+DA) पर गणना पर सीमित कर दी गई है।
पर, इस बात को सेल के कई इकाइयों के वित्त विभाग ने कार्पोरेट कार्यालय के संज्ञान में लाया। किंतु कॉर्पोरेट कार्यालय चुप्पी साधे था। जब 6 जुलाई को एक दावा प्रकरण के दौरान नियंत्रक अधिकारी ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को गणना पत्र प्रस्तुत करने कहा तब कारपोरेट कार्यालय ने ग्रेच्युटी भुगतान हेतु नए दिशा निर्देश दिया, किंतु इस आदेश को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया।
विसंगति-3: सेल कर्मियों को मिलने वाला असीमित ग्रेच्युटी एनजेसीएस समझौते के करण मिलता है। इसमें कोई भी संशोधन समझौते के द्वारा ही संभव है।
इसी तरह अधिकारियों को मिलने वाला ग्रेच्युटी, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत प्राप्त होता है। इसमें कोई भी संशोधन तब तक वैध नहीं है जब तक इस संबंध में कोई आपसी समझौता ना किया गया हो।