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SEFI ने स्टील PSU के मर्जर पर इस्पात सचिव, सांसद संग किया महामंथन

SEFI ने स्टील  PSU के मर्जर पर इस्पात सचिव, सांसद संग किया महामंथन
  • सेल अधिकारियों को 11 माह के पर्क्स एरियर्स भुगतान के लिए रखी मांग।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेफी (SEFI) के पदाधिकारियों ने इस्पात सचिव एनएन. सिन्हा, संयुक्त सचिव (इस्पात) अभिजीत नरेन्द्र आदि से सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विलय के लिए चर्चा की। अधिकारियों के अन्य लंबित मुद्दों पर उद्योग भवन नई दिल्ली में विस्तृत चर्चा की गई।

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मुख्य तौर पर सेल अधिकारियों को 11 माह के पर्क्स के एरियर्स का भुगतान, आर.आई.एन.एल. (RINL) के अधिकारियों के पिछले वर्षों से लंबित प्रमोशन को शीघ्र चालू करना, आदि विषयों पर चर्चा की।

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सेफी ने नई दिल्ली में 04.04.2021 को आयोजित सेफी काउंसिल की बैठक में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विलय हेतु संकल्प पारित किया था। जिससे सेफी से संबद्ध इस्पात मंत्रालय के अधीन उपक्रम सेल, आर.आई.एन.एल., नगरनार इस्पात संयंत्र, एन.एम.डी.सी., मेकॉन आदि का रणनीतिक विलय कर इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एक मेगा स्टील पीएसयू का गठन किया जा सके।

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सेफी के संकल्प को आधार बनाकर 15.12.2021 को लोकसभा में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विलय के विषय पर चर्चा की गई थी।

विदित हो कि भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के निर्देशानुसार सेल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के महारत्न कंपनी सेल को सरकार के इस्पात नीति 2030 के तहत क्षमता विस्तार हेतु निर्देशित किया गया है। इसके तहत सेल को विस्तारीकरण का बड़ा लक्ष्य दिया गया है जिसके तहत एक लाख दस हजार करोड़ रूपये की राशि का निवेश 2030 तक करने की योजना है।

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सेफी का मानना है कि भविष्य में इस मद में की जाने वाली निवेश की राशि से आर.आई.एन.एल. (RINL) एवं नगरनार इस्पात संयंत्र (Nagarnar Steel Plant) तथा एफ.एस.एन.एल. (FSNL) जैसी इकाईयों का रणनीतिक विलय कर जहां सेल के विस्तारीकरण के लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त किया जा सकता है।

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वहीं, इन कंपनियों के कार्मिकों के हितों की रक्षा तथा क्षेत्र के सामाजिक दायित्वों का निवर्हन को भी प्राथमिकता देते हुए इसका बेहतर संचालन किया जा सकता है। इन राष्ट्रीय संपत्तियों को विनिवेश से बचाया जा सकेगा जिससे इन इकाईयों से जुड़े परिवारों, समाजों को प्राप्त प्रत्यक्ष रोजगार तथा इससे सृजित अपरोक्ष रोजगार को सुरक्षित रखा जा सकेगा। सरकार का यह कदम जहां क्षेत्र के विकास को एक नई गति देगा वहीं बस्तर जैसे दुर्गम वनांचल क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक एवं अधोसंरचना विकास को नई दिशा देने में सफल हो सकेगी।

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वर्तमान में भारत सरकार ने राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास को पहली प्राथमिकता दी है अतः इस संदर्भ में इसतरह की रणनीतिक विलय से एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र का उदय होगा जो भारत सरकार के विकास की रणनीति को सफल बनाने में योगदान देगा। इस संदर्भ में ज्ञात हो कि भारत सरकार द्वारा इस तरह के रणनीतिक विलय बैंको में किया गया जहां इसका बेहतर परिणाम प्राप्त हुआ है।

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सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों के अधिकारियों का अपेक्स संगठन सेफी प्रारंभ से ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अंधाधुंध नीजिकरण एवं विनिवेश के स्थान पर, पुर्नगठन तथा रणनीतिक समायोजन पर जोर देता रहा है।

राष्ट्रहित में लाभार्जन की इस क्षमता को बढ़ाने हेतु आर.आई.एन.एल., नगरनार इस्पात संयंत्र तथा एफएसएनएल को बेचने के बजाए इनका रणनीतिक विलय महारत्न कंपनी सेल के साथ कर एक मेगा पीएसयू का निर्माण किया जाना आवश्यक है।

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सेफी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने बताया कि प्रस्तावित संयंत्र एक दूसरे के अनुपूरक बन सकते हैं। इस्पात मंत्रालय को सेफी के रणनीतिक विलय के सुझाव पर विचार करना चाहिए।

यदि सेल, आर.आई.एन.एल. व नगरनार इस्पात संयंत्र तथा एफएसएनएल को एक मेगा कंपनी बनाया जाता है तो इस कंपनी के पास उन्नत इस्पात संयंत्र तथा प्रचुर मात्रा में आयरन अयस्क और निर्यात हेतु स्वयं का पोर्ट उपलब्ध रहेगा, जिससे यह राष्ट्र के लिए अत्यंत ही लाभकारी होगा।

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11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु सेफी के पदाधिकारियों ने इस्पात सचिव, एन.एन. सिन्हा, संयुक्त सचिव (इस्पात), अभिजीत नरेन्द्र से चर्चा की। सेफी,चेयरमेन एवं बीएसपी,ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने बताया कि सबसे पहले सेफी ने सेल में 26-11-2008 से 04-10-2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु माननीय कैट के समक्ष केस दायर किया था।

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जिसमे कैट ने आदेश क्रमांक ओए/350/00191/2014 दिनांक 15.02.2016 द्वारा सेफी के पक्ष में आदेश दिया था। जिसे सेल प्रबंधन ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। दिनांक 13 सितंबर, 2023 को सेल की रिट याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। जिसके फलस्वरूप अधिकारियों को अपने वाजिब हक की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

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मुलाकात करने वालों में इस्पात सचिव एनएन. सिन्हा से इस्पात अधिकारियों के लंबित मुद्दों पर राज्यसभा सांसद जीवी.एल. नरसिम्हा राव, सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर, सेफी महासचिव अबकास मलिक, अध्यक्ष एसईए एसएस कताम एवं सेफी सह-सचिव केवीडी प्रसाद ने विस्तृत चर्चा की।

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