प्रधानमंत्री से मिल सकते हैं, लेकिन भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन से नहीं, यूनियन से कतरा रहा BSP

You can get time to meet the Prime Minister, but not with the Bhilai Steel Plant management, BSP is shying away from the union
CITU ने प्रबंधन से दो टूक कहा-कोई भी ऐसी स्थिति का निर्माण न होने दें, जिससे औद्योगिक संबंध बिगड़े, उत्पादन पर विपरीत असर पड़े।
  • क्या यूनियन प्रतिनिधियों से चर्चा करने से कतरा रहा है प्रबंधन?
  • सीटू नेता ने कहा कि सीटू हमेशा से ही संवाद बनाए रखने के पक्ष में रहा है। संवाद से बात न बनने पर आंदोलन का रास्ता अपनाते हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई में मान्यता यूनियन का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। शून्य की स्थिति निर्मित है। और आयेदिन कर्मियों के सामने सुरक्षा से लेकर हो रहे दुर्घटनाओं तक, अस्पताल से लेकर टाउनशिप तक, प्रमोशन से लेकर प्रबंधन द्वारा किए जा रहे अवैधानिक कार्यवाहियों तक समस्याओं का अंबार लगने लगा है।

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ऐसे में उन समस्याओं को प्रबंधन के सामने रखने का काम यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। किंतु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रबंधन यूनियन प्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए कतरा रही है। इसीलिए सीटू प्रबंधन को दो टूक कह देना चाहता है कि कोई भी ऐसी स्थिति का निर्माण न होने दें, जिससे औद्योगिक संबंध बिगड़े एवं उत्पादन पर उसका विपरीत असर पड़े।

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प्रयास करने पर मिल सकते हैं प्रधानमंत्री से किंतु प्रबंधन से नहीं

सीटू नेता ने कहा कि प्रयास किया जाए तो प्रधानमंत्री से मिला जा सकता है। किंतु भिलाई इस्पात संयंत्र के उच्च अधिकारियों से लेकर सेल प्रबंधन के अधिकारियों तक से मिलना धीरे-धीरे नामुमकिन सा होता जा रहा है।

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कोशिश करें तो मुख्यमंत्री से एक सप्ताह के अंदर मिल सकते हो, सांसद से तीन दिन में, विधायक से दो दिन में, कलेक्टर एवं पुलिस के आला अधिकारियों से 1 दिन में मिल सकते हैं। किंतु समय मांगने के बावजूद हफ्ता दर हफ्ता समय ना देना एवं किसी न किसी तरीके से टालमटोल करना भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की नियति बनती जा रही है, जो कि संयंत्र के लिए ठीक नहीं है।

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संवादहीनता से बढ़ेगी समस्याएं

उच्च प्रबंधन हमेशा संवाद बनाए रखने की बात करता रहा है। किंतु वर्तमान समय में प्रबंधन की कथनी एवं करनी में अंतर साफ नजर आ रहा है। चुनी हुई मान्यता यूनियन हो, प्रतिनिधि यूनियन हो या अन्य यूनियन हो। वे कहीं ना कहीं कर्मियों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने स्तर पर विभिन्न विषयों को लेकर प्रबंधन से बातचीत करती है।

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प्रबंधन भी इस बात को समझती है कि बातचीत से कई मसलों का समाधान निकाला जा सकता है। किंतु कुछ समय से विभिन्न स्तरों के प्रबंधन संवाद को तिलांजलि देते हुए संवादहीनता की स्थिति निर्मित कर रहा है, जो आने वाले समय में समस्याओं को और बढ़ाएगा।

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क्या मीडिया के माध्यम से ही बात करना चाहता है प्रबंधन?

सीटू नेता ने कहा कि सीटू हमेशा से ही संवाद बनाए रखने के पक्ष में रहा है। संवाद से बात न बनने पर आंदोलन का रास्ता अपनाते हैं एवं आंदोलन के पश्चात फिर से प्रबंधन के साथ संवाद करता है। यदि प्रबंधन कर्मियों के मुद्दों को लेकर यूनियन द्वारा मांग करने के बावजूद संवाद ही नहीं करना चाहेगा तो क्या यूनियन अपनी बातों को मीडिया के माध्यम से प्रबंधन तक पहुंचाएगी?

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