- रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का भी डीपीआर तैयार हो रहा है।
- रावघाट रेल प्रोजेक्ट सेल भिलाई स्टील प्लांट के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) की डबल इंजन की सरकार में रेल नेटवर्क का लगातार विस्तार हो रहा है। यहां नई रेल लाइन बिछाने की कई परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ में मजबूत हो रहे रेल नेटवर्क से आने वाले समय में न केवल माल परिवहन की सुविधाओं में इजाफा होगा, बल्कि यहां के लोगों को राज्य के भीतर और राज्य के बाहर भी सुविधाजनक यात्रा के कई नए विकल्प मिलेंगे। राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार से औद्योगिक और अधोसंरचना विकास को भी नई गति मिलेगी।
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रावघाट रेल लाइ प्रोजेक्ट
छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय के बेहतर समन्वय से राज्य में नई रेल लाइनों के काम द्रुत गति से चल रहे हैं। रावघाट रेलवे लाइन परियोजना के अंतर्गत दल्लीराजहरा से अंतागढ़ तक नई बिछी 77 किलोमीटर लाइन पर यात्री ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।
इस रेल लाइन के दोनों ओर बसे हजारों ग्रामीण अब अपने गांव से ही ट्रेन में बैठकर रोज दल्लीराजहरा, दुर्ग, भिलाई और रायपुर तक किफायती सफर कर रहे हैं। इस रेल लाइन को रावघाट तक बढ़ाने के लिए तुमापाल (ताहोकी) से कोसरोण्डा तक पांच पुल-पुलियों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।
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रेल पटरी बिछाने का कार्य भी प्रगति पर है। कोसरोण्डा से फुलपाड़ एवं फुलपाड़ से रावघाट तक अर्थ वर्क के साथ 21 पुल-पुलियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। साथ ही 27 पुल-पुलियों का काम प्रगति पर है।
पास रेलवे स्टेशन के भवन, प्लेटफॉर्म और आवासीय भवन
सरगीपाल के पास रेलवे स्टेशन के भवन, प्लेटफॉर्म और आवासीय भवन का कार्य भी प्रगति पर है। रावघाट के भिलाई से रेल मार्ग से जुड़ जाने से भिलाई इस्पात संयंत्र को बड़े पैमाने पर लौह अयस्क की आपूर्ति हो सकेगी। साथ ही इस सुदूर क्षेत्र के लोगों को यातायात का एक सर्वसुलभ और किफायती साधन भी उपलब्ध होगा।
कोत्तावलसा से किंरदुल रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना
बस्तर में के.के. (कोत्तावलसा से किंरदुल) रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना का काम भी तेजी से चल रहा है। इस 446 किलोमीटर लंबे रेल लाइन का 170 किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ में है। बस्तर जिले में इसकी लंबाई 92 किलोमीटर और दंतेवाड़ा जिले में 78 किलोमीटर है। छत्तीसगढ़ में इस रेल लाइन के 148 किलोमीटर में दोहरीकरण का काम पूर्ण हो गया है, जिनमें बस्तर जिले में आने वाला 92 किलोमीटर और दंतेवाड़ा जिले का 56 किलोमीटर रेल लाइन शामिल है।
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डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu dev Sai) प्रदेश की आर्थिक तरक्की के लिए रेल परिवहन के समुचित उपयोग पर जोर दे रहे हैं। भारत सरकार के सहयोग से राज्य में कई रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहे हैं। साथ ही कई परियोजनाओं के विस्तार की तैयारी है।
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295 किलोमीटर लंबी और 4021 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की मंजूरी रेल मंत्रालय से मिल चुकी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों के लिए अभी 300 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
इस रेल लाइन में डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच 12 और कवर्धा से कटघोरा के बीच 15 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना से क्षेत्र में न केवल यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी, बल्कि खनिजों के परिवहन और रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन के सर्वेक्षण
राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने कई नई रेल परियोजनाओं पर काम हो रहे हैं। 180 किलोमीटर लंबी कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन के सर्वेक्षण और डीपीआर के लिए 16 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
इस परियोजना से सरगुजा क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली तक 490 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए भी सवा 12 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इस परियोजना से सुदूर क्षेत्रों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी
सरडेगा-भालुमुडा के बीच 37 किलोमीटर डबल लाइन परियोजना ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी। इसके लिए 1360 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का भी डीपीआर तैयार हो रहा है।
धरमजयगढ़-लोहरदगा परियोजना के लिए रेलवे द्वारा किया जा रहा सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है। छत्तीसगढ़ में विस्तारित रेल नेटवर्क से यात्री कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही औद्योगिक और खनिज संसाधनों का परिवहन भी सुगम होगा।
महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं के साथ ही राज्य में कई छोटी रेल लाइनों और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं की भी योजना हैं। इनसे क्षेत्रीय विकास और आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होंगी।