
- बीएसएल पीएफ ट्रस्ट से बगैर निर्वाचित ट्रस्टियों को तत्काल हटाने की मांग।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro Steel Plant) के पीएफ ट्रस्ट से ट्रस्टियों को हटाने की आवाज उठ गई है। बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Administrative Employees Union) ने निदेशक प्रभारी बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro STeel Plant) को पत्र लिखकर बोकारो इस्पात भविष्य निधि ट्रस्ट में अवैध रूप से मनोनित यूनियन प्रतिनिधियों को हटाने का माँग किया है।
सभी यूनियनों के बीच बगैर सदस्यता सत्यापन कराए एक खास यूनियन के एक गुट के नेता द्वारा मनोनित व्यक्तियों को भविष्य निधि ट्रस्ट में ट्रस्टी का लाभ देना, एक तरह से अनूचित श्रम व्यवहार है। जिसकी शिकायत मुख्य श्रम आयुक्त, उप मुख्य श्रम आयुक्त तथा क्षेत्रिय आयुक्त भविष्य निधि राँची को किया गया है।
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गौरतलब है कि राज्यसभा मे तत्कालीन इस्पात मंत्री ज्योतिरार्दित्य सिंधिया ने तथा सूचना का अधिकार अधिनियम से माँगी गई जानकारी के आधार यह ज्ञात हुआ है कि बोकारो इस्पात संयंत्र में कोई भी ट्रेड यूनियन रिकॉगनाईज्ड नहीं है।
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वहीं, दूसरी तरफ बोकारो इस्पात प्रबंधन (Bokaro Steel Management) द्वारा सभी ट्रेड यूनियनो के बीच बगैर सदस्यता सत्यापन किए हुए तथा निबंधन प्रमाणपत्र की जाँच किए हुए बिना ही सात ट्रेड यूनियनों को मान्यता दिया जा रहा है। इनमे से अधिकतर ट्रेड यूनियन का निबंधन, झारखण्ड सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) द्वारा रद्द कर दिया गया है। सात वाईअबल यूनियन में से एक के पास रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन भी नहीं है।
बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम ने कहा-बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) में कर्मचारियों के अंशदान से संचालित, बोकारो इस्पात भविष्य निधि ट्रस्ट मे मौजुद कई हजार करोड़ रुपये की निधि के सही संचालन के लिए योग्य ट्रस्टी होना आवश्यक है। एक तो बोकारो स्टील वर्कर यूनियन न तो रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन है। न ही उस ट्रेड यूनियन के महामंत्री के रूप मे बीरेंद्र नाथ चौबे को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (निबंधक, ट्रेड यूनियन) द्वारा मान्यता दिया गया है।
हरिओम ने कहा-बीरेंद्र नाथ चौबे द्वारा लगातार अपने खास-खास व्यक्तियों को बोकारो इस्पात भविष्य निधि ट्रस्ट में मनोनित किया जा रहा है। बोकारो इस्पात प्रबंधन द्वारा उनके मनोयन को वैध भी किया जा रहा है।
बगैर रजिस्टर्ड तथा रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन वाले किसी व्यक्ति को एकतरफा लाभ देना एक अनुचित श्रम व्यवहार की श्रेणी मे आता है। जिसका जिक्र औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के शेड्यूल 5 के 2(ब) में किया गया है।
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यूनियन ने अपने पत्र में निदेशक प्रभारी से मांग किया है कि बीरेंद्र नाथ चौबे द्वारा मनोनित सभी व्यक्तियों को भविष्य निधि ट्रस्ट से हटाया जाए, नहीं तो यूनियन औद्योगिक विवाद दायर करने हेतु विवश होगी।
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क्या है रिकॉगनाईज्ड यूनियन की परिभाषा
पहला: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मामले में दिए गए आदेश के तहत अगर किसी एक संस्थान में एक से अधिक ट्रेड यूनियन सक्रिय हो तो रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का निर्धारण हमेशा सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से सदस्यता सत्यापन के तहत होगा।
इसके तहत उस संस्थान के कर्मचारी जिस यूनियन को सर्वाधिक मत देंगे। वही यूनियन अगले दो साल के लिए मान्यता प्राप्त यूनियन के रूप में कार्य करेगी। वर्तमान में बोकारो इस्पात संयंत्र में 26 ट्रेड यूनियन सक्रिय है तथा स्थापना से लेकर अभी तक कभी भी सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से सदस्यता सत्यापन नहीं हुआ है।
दूसरा: सभी यूनियनो के मध्य चेक ऑफ सिस्टम के माध्यम से वेतन से सदस्यता शूल्क की कटौती कर सदस्यों की संख्या निर्धारण करना। वर्तमान में बोकारो इस्पात संयंत्र में सिर्फ बोकारो स्टील वर्कर यूनियन के सदस्यों का ही सदस्यता शूल्क वेतन से कटौती होता है। अन्य यूनियनों के सदस्यो का शूल्क कटौती नहीं किया जाता है।
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वही बोकारो स्टील वर्कर यूनियन के कई गुट असली यूनियन का दावा कर रहे है। झारखण्ड सरकार द्वारा चद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे गुट को मान्यता दिया गया है, जबकि बोकारो स्टील प्रबंधन बीरेंद्र नाथ चौबे गुट को मान्यता देती है। जो कि एक तरह से अनुचित श्रम व्यवहार है।
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प्रबंधन का यह जवाब आया है…
बोकारो स्टील प्रबंधन द्वारा एक आरटीआई के माध्यम से जानकारी दी गई है कि सदस्यता सत्यापन करने की जिम्मेदारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की है, न कि बोकारो इस्पात प्रबंधन की।
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खास व्यक्तियों के मनोनयन पर उठे सवाल
सेल और बोकारो इस्पात संयंत्र में कुछ अधिकारियों के प्रत्यक्ष समर्थन के बल पर एक अवैध यूनियन के अवैध गुट के नेता को रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का लाभ दिया जा रहा है। हजारो करोड़ के फंड वाले भविष्य निधि ट्रस्ट में उक्त नेता द्वारा अपने खास व्यक्तियों को मनोनित किया जा रहा है। हमारी यूनियन भविष्य निधि ट्रस्ट के पैसे के निवेश के जाँच हेतु सीबीआई को भी पत्र लिखेगी।
हरिओम, अध्यक्ष-बीएकेएस बोकारो