Bhilai Steel Plant का जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय तोड़ रहा दम, 700 केस पेंडिंग, CGM को फुर्सत नहीं, ED से शिकायत

The system of birth-death registration office of Bhilai Steel Plant is useless 700 cases are pending CGM has no time 3
जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन करवा कर प्रमाण पत्र हासिल करने में हो रही देरी की शिकायत लगातार सीटू कार्यालय में प्राप्त हो रही थी।
  • सीटू की टीम पहुंची सेक्टर 8 जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग।
  • नगर प्रशासन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक के अधीन यह विभाग आता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) का जन्म-मृत्यु प्रमाण पंजीयन कार्यालय पर सीटू ने धावा बोला। 700 से अधिक शिकायतों का समाधान न होने से यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है। इसकी लिखित शिकायत ईडी एचआर पवन कुमार से भी की गई है।

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जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन करवा कर प्रमाण पत्र हासिल करने में हो रही देरी की शिकायत लगातार सीटू कार्यालय में प्राप्त हो रही थी। जिस पर सीटू के साथियों ने संज्ञान लेने के बाद सीटू की टीम सेक्टर 8 जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले कार्यालय पहुंची।

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वहां पहुंचने पर मालूम हुआ कि विभाग के कर्मियों को कला मंदिर में विश्व स्वास्थ्य दिवस कार्यक्रम में शामिल होने बुलाया गया हैं। आगे गहराई से पड़ताल करने के बाद पाया कि वाकई लोगों के द्वारा की जा रही शिकायत सही है 40-40 दिनों तक प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है, जिसका जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना जरूरी है। अभी भी नवंबर दिसंबर में दिए गए आवेदन पर जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र सर्टिफिकेट नहीं बन सके हैं।

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पूरी व्यवस्था चरमरा गई है जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभाग की

सीटू अध्यक्ष विजय जांगड़े ने कहा-टीम ने पाया कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले इस विभाग की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। जवाब देही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए किए जाने वाले आवेदन फार्म तक उपलब्ध नहीं है और उस विभाग में काम करने वाले कर्मी इस व्यवस्था को लेकर लाचार नजर आते हैं, उनकी मजबूरी यह है कि जो भी फॉर्म मांगने आता है उन्हें अपने से फॉर्म की फोटो खींच कर कॉपी करवाने की सलाह देने को मजबूर हैं। जब से बीएसपी का प्रिंटिंग प्रेस बंद हुआ है, तब से अधिकांश विभागों की यही व्यवस्था हो गई है।

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700 से ज्यादा केस पेंडिंग है जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन के

सीटू के सहायक महासचिव टी.जोगा राव ने कहा-टीम ने पाया कि रजिस्ट्रेशन के लिए लगभग 700 केस पेंडिंग है। किंतु ऊपर के अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ज्ञात हो कि पहले इस विभाग की ऐसी व्यवस्था नहीं थी। 7 दिन से 10 दिन के अंदर प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाया करता था।

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किंतु अब दो से तीन माह तक भी प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। पहले बताते है कि एक महीने के बाद आप आकर संपर्क कीजिए प्रमाण पत्र मिल जाएगा, उसके बाद वह समय आगे बढ़ते-बढ़ते 40 दिन तक भी हो जाता है।

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हाथापाई तक की आ जाती है नौबत

सीटू नेताओं ने बताया कि प्रमाण पत्र के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। परेशान नागरिक वहां के कर्मियों से हाथापाई तक में उतर-जाते हैं। पूर्व के सेवानिवृत्त अधिकारी का कालर तक पकड़ लिए थे। गाली गलौज तो अब आम दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। वहां कार्यरत कर्मी भी दहशत में रहते हैं। किंतु उच्च प्रबंधन को जानकारी रहने के बावजूद भी समय बिता रहा है।

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क्या महत्व है जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का

महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया देश में जितने भी लोग पैदा होते हैं और जिनकी भी मृत्यु हो जाती है, उन सब का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। पैदा होने के साथ ही नामकरण के बाद लोग जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं। प्राप्त हुए जन्म प्रमाण पत्र को आवश्यकता अनुसार उपयोग करते हैं। वही किसी के देहांत हो जाने के बाद कई विभागों से लेकर फाइनल पेमेंट अथवा जायदाद इत्यादि सभी जगह में मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

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उक्त सभी कार्यों में देरी से बचने के लिए यह प्रमाण पत्र जल्द से जल्द हासिल कर जमा करना होता है। इसीलिए परिजन के मृत्यु के शोक में रहते हुए भी मृत्यु प्रमाण पत्र का आवेदन दे देते हैं किंतु कई कई महीनो तक जब मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होता है तो उनकी तकलीफ और कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है जिसे प्रबंधन को समझना जरूरी है।

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जी का जंजाल बन गया है बीएसपी का इंटरनेट एवं इंट्रानेट

सीटू की टीम ने पाया कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले दफ्तर का इंटरनेट व्यवस्था भी ठीक नहीं है। कभी नेट मिलता है, कभी नहीं मिलता है। 15-15 दिन सर्वर डाउन रहता है। नेटवर्क काम नहीं करता है। ऐसे में काम करना वाकई मुश्किल है।

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एक दिन में लगभग 50 आवेदन आते हैं। और मुश्किल से 2-3 प्रमाण पत्र जारी हो पाते हैं। किंतु ऐसा लगता है कि इससे बीएसपी प्रबंधन के आला अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसीलिए वह इसको दुरुस्त करने में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। ज्ञात हो कि 1958 से 2011 तक लगभग 15 लाख के दस्तावेज रिकार्ड को डिजिटल किया जाना है। किंतु आनलाइन की व्यवस्था भी नहीं है। इंटरनेट काम नहीं करता है।

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सही जानकारी मांगने पर जिम्मेदारी से बचते हैं

पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि जवाबदेही के साथ जानकारी देने का अभाव है, क्योंकि सही जानकारी मांगने पर जिम्मेदारी से बचते हुए कार्मिक नजर आए, क्योंकि जिम्मेदार कामगार के अभाव में किसी भी विभाग का काम इसी तरह से चरमरा जाता है। और काम करने वाले कर्मी जिम्मेदारी लेने से बचते हैं। सही जानकारी नहीं दे पाते हैं। विभाग में मात्र तीन कर्मी ही कार्यरत हैं।

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जिम्मेदार अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते हैं और सीजीएम टाउनशिप के पास फुर्सत नहीं

यह बात भी सामने आई कि जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं, क्योंकि वे एक साथ कई कामों की जिम्मेदारी में रहने की बात कहते हैं। किंतु सीटू का मानना है कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का सही रजिस्ट्रेशन होना एवं समय पर प्रमाण पत्र जारी करना बहुत ही जिम्मेदारी का काम है। वहीं, यह विभाग नगर प्रशासन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक के अधीन आता है,जिनके पास शायद इन सब विषयों पर संज्ञान तक लेने की फुर्सत नहीं है।

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