- ALC ने श्रम कानून के तहत संसोधन अनिवार्य है स्वीकारते RLC धनबाद को रेफर कर दिया।
सूचनाजी न्यूज, धनबाद। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited) में बायोमेट्रिक अटेंडेंस (Biometric Attendance) को लेकर हर तरफ बवाल हो रहा है। मामला शांत नहीं हो रहा है। बायोमेट्रिक प्रणाली को सेल किरीबुरू खदान में लागू करने को लेकर चाईबासा ALC लेबर कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपना पक्ष रखा। सेल प्रबंधन ने एक जनवरी से ट्रायल बेसिस में बायोमेट्रिक प्रणाली को लागू करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगा। परंतु यूनियन ने इसमें सहमति नहीं दी। स्थाई आदेश में संसोधन के पश्चात प्रबंधन इसे ट्रायल करे अथवा लागू करे। यह प्रमाणन अधिकारी RLC के दायरे में आता है और संगठन प्रमाणन अधिकारी के समक्ष अपना परिवाद दायर कर चुका है।
यह RLC के द्वारा तय किया जा सकता है। सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय ने दोनों पक्षो को क्षेत्रीय श्रम आयुक्त केंद्रीय के समक्ष प्रस्तुत होने का निर्देश दिया। अब बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करना स्थाई आदेश में संसोधन के पश्चात होगी। यह माना जा रहा है कि जब तक सुनवाई चलती रहेगी, तब तक सेक्शन 33 पूर्व भाँति जारी रहेगा।
सेवा शर्त में कोई परिवर्तन नहीं होगा। अर्थात अभी बायोमेट्रिक खदान में लागू नहीं होगा। अगली सुनवाई की तारीख RLC धनबाद द्वारा दी जाएगी। बायोमेट्रिक कर्मचारीयों के सेवा शर्त में एक परिवर्तन है। इसे ALC कार्यालय नहीं RLC कार्यालय के माध्यम से ही होगा।
सेल प्रबंधन किरीबुरू की ओर से DGM (HR) अमित विश्वास एवं झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की ओर से अध्यक्ष रमा पाण्डे, महामंत्री राजेंद्र सिंधिया, संयुक महामंत्री सुनिल कुमार पासवान, कोषाध्यक्ष मौजी राम बेहरा, संगठन सचिव संजय तिग्गा, सदस्य लखन चम्पीया सुनवाई में उपस्थित रहे।
राजेंद्र सिंधिया का कहना है कि साथियों को सूचित किया जाता है कि जब तक स्टैंडिंग ऑर्डर में बायोमेट्रिक को संसोधन नहीं किया जाता है, तब तक बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज करना स्थगित रहेगा। और पूर्व भाँति जैसे उपस्थिति दर्ज किया जाता था, कायम रहेगा। सेल प्रबंधन किरीबुरू और झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू के मध्य सहमति में हस्तांक्षरित हो गयी है। सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय की मध्यक्षता मे संम्पना हुई है।