
- सीटू ने किया यूनिवर्सल रेल मिल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के यूनिवर्सल रेल मिल (Universal Rail Mill) में 8 जनवरी को विस्फोट के साथ बिजली चली गई। रोलिंग बंद हो गया। इस पर सीटू की टीम ने प्राथमिक जांच करने के बाद कहा कि कोई भी बड़ी घटना अथवा दुर्घटना कई सारे छोटे-छोटे नजरअंदाज करने वाले घटनाओं का परिणाम होता है। हम जानते हुए भी जब छोटी-छोटी घटनाओं को नजरअंदाज करते जाते हैं, तब एक बड़ी विध्वंसकारी घटना घट जाती है।
यूनिवर्सल रेल मिल (Universal Rail Mill) में भी ऐसी ही कुछ घटनाओं का समावेश प्रारंभिक दृष्टि में सामने आया है। चर्चा के दौरान कुछ वरिष्ठ कर्मियों ने बताया कि यूनिवर्सल रेल मिल के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक अनिष सेनगुप्ता हमेशा सुरक्षा पर बहुत ज्यादा जोर देते थे। अनावश्यक रूप से जमा कचरा एवं हाउसकीपिंग को बेहतर रखने की बात करते थे। आज इस घटना ने उनके उन बातों को याद दिला दिया।
जिन केबल में आग लगी, वही गिरता है हॉट सा का पानी
जिस जगह का केबल विस्फोट के साथ फटा एवं जल गया। वह केवल टेंडम के बाद रेल गुजरने वाले रोल टेबल के ठीक नीचे था। यहां पर हॉट सा है। जहां कटिंग के दौरान पानी का इस्तेमाल होता है और यह पानी लगातार उन केबलों पर गिरता रहता है। जहां विस्फोट हुआ एवं आग लग गई थी। गहराई से जांच करने पर और बहुत सी बातें सामने आएंगी।
सब स्टैंडर्ड मटेरियल का भी है शक
जब यूनिवर्सल रेल मिल बन रहा था सीटू तब भी इस बात को उठाया था कि कहीं ना कहीं यूनिवर्सल रेल मिल के निर्माण में सब स्टैंडर्ड मटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है, क्योंकि यूनिवर्सल रेल मिल के निर्माण में जितना समय लगा उतने समय में न केवल सामानों की कीमतों में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ। बल्कि यूआरएम का प्रोजेक्ट धीरे-धीरे महंगा भी होने लगा। कॉस्ट कंट्रोल करने के लिए सब स्टैंडर्ड मटेरियल को लगाना सामान्य बात था। उस समय सीटू के इस तर्क को नकार दिया गया। किंतु अब उस बात में सच्चाई लगने लगी है।
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मिल जल्दी चालू करने के लिए ना हो चलताऊ काम
चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि तेजी से काम चल रहा है। आज रात तक हर हाल में मिल को चालू कर लिया जाएगा। सीटू ने हो रहे काम पर केवल इतना ही कहा कि जल्दी-जल्दी काम किया जाना आवश्यक है। किंतु इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि मिल को जल्दी चालू करने के चक्कर में चलताऊ काम ना हो।
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बंद रहे हर घंटे का होता है करोड़ों का नुकसान
बीते दिन प्रमोशन के मुद्दे पर सीटू का प्रतिनिधिमंडल जब यूनिवर्सल रेल मिल के महाप्रबंधक प्रभारी विशाल गुप्ता से चर्चा कर रहाथा। तब हड़ताल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि मिल बंद होने से करोड़ों का नुकसान होता है, जिस पर सीटू ने स्पष्ट कहा था कि हमने 14 दिन का नोटिस देने के बाद हड़ताल किया था।
और इन 14 दिनों में प्रबंधन को हर किस्म के डिजास्टर अर्थात आपदा पर अध्ययन करके आवश्यकता होने पर यूनियन से चर्चा कर आपदा प्रबंधन की पूरी रणनीति तैयार की जानी चाहिए थी, क्योंकि बार-बार प्रबंधन के सामने अपनी बातों को रखने तथा लंबे संघर्षों के बाद भी जब प्रबंधन कर्मियों की बात को अनसुना कर देता है। तब हड़ताल जैसे कदम उठाने के लिए संयुक्त यूनियन को मजबूर होना पड़ा। इसीलिए उत्पादन के साथ हड़ताल को देखना और जोड़ना उचित नहीं है।
तय होनी चाहिए जवाबदारी
सीटू ने कहा कि हड़ताल के समय संयुक्त यूनियनों ने 14 दिन का नोटिस दिया था एवं किसी आपदा अथवा विध्वंसकारी स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए प्रबंधन को तैयारी करने हेतु पर्याप्त समय था। और हड़ताल में उत्पादन को रोका जाता है। कोई क्रिटिकल उपकरण को नुकसान ना हो। इस बात का भी ख्याल रखा जाता है। किंतु आज जो मिल बंद हुआ है वह किसी हड़ताल के चलते नहीं बल्कि कुछ खास किस्म की घटनाओं को लगातार घटने एवं उन घटनाओं को नजरअंदाज करने के कारण हुई है। इन पूरी घटनाओं एवं घटी बड़ी दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, ताकि ऐसे विध्वंसकारी स्थितियों से बचा जा सके।