
- बीएसपी के रेल मिल एलआरपी कैंटीन में 34 वर्षीय कर्मी विजय नायर जमी पर गिरा और मौके पर ही मौत हो गई।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट (SAIL – Bhilai Steel Plant) में कैंटीन कर्मी की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कार्य के दौरान मौत हुई है। इसको लेकर एक और राज खुल गया है। ठेका कंपनी के द्वारा मजदूर का 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा नहीं कराया गया था। इसलिए इस मामले में अब मजदूर के परिवार को को कोई आर्थिक रूप से मदद मिलना मुश्किल ही लग रहा है।
बीएसपी के रेल मिल एलआरपी कैंटीन में 34 वर्षीय कर्मी विजय नायर जमी पर गिरा और मौके पर ही मौत हो गई। मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। मेन मेडिकल पोस्ट पर डाक्टर भी किसी तरह की कोई जांच नहीं कर सके।
एम्बुलेंस से कर्मी को जब उतारकर अंदर ले जाया गया, वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। अब पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का रहस्य खुल सकेगा। इससे पहले एक राज जरूर खुल गया है कि ठेकेदार ने कर्मी का 10 लाख रुपए का बीमा नहीं कराया गया था।
जबकि सेल बीएसपी प्रबंधन (SAIL BSP Management) लगातार ठेकेदारों पर दबाव डाल रही है कि सभी का बीमा कराया जाए। लेकिन, कैंटीन संचालकों की सेहत पर प्रबंधन के आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि एक कर्मी की मौत तक हो गई, लेकिन बीमा नहीं कराया गया था। अब देखना यह है कि प्रबंधन इस तरह के रवैये पर क्या एक्शन लेगा या माफ कर देगा।
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खुर्सीपार के बापूनगर निवासी विजय नायर कैंटीन में काम करता था। सोमवार दोपहर करीब 1.50 बजे वह जमीन पर गिर गया और मेन मेडिकल पोस्ट ले जाने तक मौत हो चुकी थी। मृतक कर्मी की शादी नहीं हुई थी।
प्रबंधन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ये एक्सीडेंट केस नहीं है। इसलिए एक्सीडेंट केस में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ विजय नायर की फैमिली को मिलना मुश्किल है।
बता दें कि सीटू के सहायक महासचिव टी.जोगा राव ने मेन मेडिकल पोस्ट (Main Medical Post) में फोन कर एम्बुलेंस बुलाया था। राजा कैटरिंग ठेका कंपनी ने मृत कर्मचारी का ईएसआई और यूएएन नंबर गेट पास पर दर्ज कराया है, लेकिन 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा नहीं कराया है।