- भारी वाहनों का भिलाई टाउनशिप में घुसने पर रोक लगाने की मांग की गई।
- सीटू ने कहा अब जवाब नहीं जवाबदारी तय होना चाहिए, ताकि भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पर रोक लगे।
- भिलाई टाउनशिप में जल्द से जल्द डिवाइडर युक्त चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप (Bhilai Township) में बढ़ते हादसों से हर कोई दहला हुआ है। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के बोरिया गेट के सामने बेतरतीब लगे भारी वाहनों ने गुस्सा भड़का दिया है। टाउनशिप में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर बैन लगाने की मांग को लेकर पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू के पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गए।
सीटू का प्रतिनिधि मंडल, पुलिस अधीक्षक दुर्ग से मिलने पहुंचा लेकिन पुलिस अधीक्षक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें भारी वाहनों का भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर एरिया में पूर्णतः प्रवेश वर्जित करने को सख्ती से पालन करवाने की मांग की गई है।
इस संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि हर दिन 200 से ज्यादा भारी वाहन नियमों का उल्लंघन करते हुए सेक्टरों के बीचो-बीच फॉरेस्ट एवेन्यू रोड से गुजरते हैं, जिसे हर हालत में रोका जाना चाहिए। अन्यथा किसी दिन और हादसे होंगे और जान जाएगी।
टोल बचाने के लिए भारी वाहन घुसते हैं भिलाई टाउनशिप में
सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा कि भारी वाहनों द्वारा टोल नाकों पर पांच सौ रुपए बचाने और बीस किलोमीटर का चक्कर कम होने से डीजल का खर्च बचाने के लिए भिलाई टाउनशिप में निवासरत जनता की जान जोखिम में डालकर नियमों का उल्लंघन करते हैं।
पत्र देने के बाद पंथी चौक पर रूक कर भारी वाहनों के सम्बन्ध में जानकारी लेने पर देखा गया कि पांच मिनट में ही पांच भारी वाहनों में से एक राजनांदगांव से छावनी भिलाई जा रहा था। जबकि एक पेट्रोल टैंकर अभनपुर से दुर्ग की तरफ तथा तीन हाइवा रेती एवं गिट्टी लेकर मरोदा से दुर्ग की तरफ जा रहे थे।
नियमों का उल्लंघन करने से होते हैं दुर्घटनाएं
सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र परिसीमा क्षेत्र में भारी वाहन खुर्सीपार हाइवे से प्रवेश करते हैं और मरोदा होते हुए उतई या पुलगांव चौक होते हुए गुंडरदेही, राजनांदगांव जाते हैं।
इसी तरह पुलगांव चौक से होते भारी वाहन आयरन ओर अथवा दूसरा सामान लेकर फॉरेस्ट एवेन्यू से होते हुए खुर्सीपार हाइवे की ओर जाते हैं। इसके साथ ही रेत गिट्टी से भरे हाईवा ट्रक जैसे भारी वाहन मरोदा से निकलकर डीपीएस चौक होते हुए पंथी चौक से नेहरू नगर फ्लाईओवर के लिए प्रवेश करते हैं।
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डीपीएस चौक से नेहरू नगर तक अनेक स्कूल और कोचिंग सेंटर है।इस तरह भारी वाहनों के आवागमन से इस क्षेत्र में सड़क दुघर्टना में वृद्धि हुई है।
इसी घटनाक्रम में दिनांक 23 मई को शाम 5.30 बजे पंथी चौक पर ट्रक की चपेट में आने से एक लड़की की मौत हो गई। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने हेतु टाउनशिप के बीचों बीच से भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण प्रतिबंधित किया जाए।
बंद पड़ा है बोरिया गेट, डीपीएस चौक की पुलिस चौकी
सीटू के सहायक महासचिव टी. जोगा राव ने बताया कि कुछ समय पूर्व बोरिया गेट पर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के साथ मिलकर भिलाई यातायात पुलिस ने एक मोबाइल यातायात सहायता केंद्र स्थापित किया था, जो अब बंद रहता है। वहीं, डीसी चौक में भी एक यातायात पुलिस चौकी है जो अक्सर बंद रहता है। इस संदर्भ में 09/12/2023 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिलाई को एक पत्र देकर इस ओर ध्यान आकर्षित कराया गया था, जिस पर उन्होंने यातायात उप पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ठाकुर को अग्रेषित किए थे। किंतु इस पर कोई प्रगति नहीं हुई और पिछले दिनों दुर्घटना में एक बच्ची की जान चली गई।
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सड़क दुघर्टना में मृत्यु पर भी भिलाई प्रबंधन के कानों में जूं तक नहीं रेंगता
यूनियन का कहना है कि मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन एवं सेवाएं) भिलाई इस्पात संयंत्र को भी सीटू प्रतिनिधि मंडल बोरिया गेट से पंथी चौक और पंथी चौक से नेहरू नगर फ्लाईओवर के बीच वन वे सड़क बनाने के संबंध में पत्र दिया। प्रतिनिधि मंडल में सीटू की तरफ से अशोक खातरकर, शांत कुमार,डी के बैनर्जी, डीवीएस रेड्डी, टी जोगाराव, जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी शामिल थे।
जवाब नहीं जवाबदारी तय होना चाहिए
पूर्व में पिछले वर्ष मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन एवं सेवाएं) द्वारा संयुक्त ट्रेड यूनियन की बैठक में पंथी चौक से नेहरू नगर फ्लाईओवर तक सड़क को चौड़ा करने का बजट पास होने की बात कही थी। जबकि बोरिया गेट से पंथी चौक तक डिवाइडर युक्त सड़क बनाने का टेंडर पास होने की बात ईडी पीएंडए पवन कुमार के साथ संयुक्त बैठक में विष्णु पाठक ने बताई थी। यह टेंडर देरी होने के कारण रिजेक्ट हो गया।
लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं और प्रबंधन बैठकों में टेंडर को लेकर केवल जवाब ही दे रहा है। सीटू ने कहा कि अब जवाब नहीं जवाबदारी तय होना चाहिए, ताकि भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पर रोक लगे। जल्द से जल्द डिवाइडर युक्त चौड़ी सड़क का निर्माण हो सके।
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