स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के द्वारा ठेका श्रमिकों को मांग को लेकर 28 अक्टूबर को एक दिवसीय हड़ताल किया जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के कार्यालय में हड़ताल की तैयारी को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक हुई। भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्य ठेका श्रमिकों की मांग है कि न्यूनतम वेतन में एडब्ल्यूए की राशि को जोड़ा जाए। ठेका श्रमिकों को न्यूनतम 26000 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाए। बीएसपी के ठेका श्रमिकों को केंद्र का न्यूनतम वेतन मान दिया जाए।
भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को आवास भत्ता, कैंटीन भत्ता, रात्रि भत्ता, साइकिल भत्ता दिया जाए। ठेका श्रमिकों का बोनस एजेसीएस में तय किया जाए।
ठेका श्रमिकों को प्रतिमाह इंसेंटिव दिया जाए। सभी ठेका श्रमिकों को दीपावली पूर्व बोनस दिया जाए। इन सभी मांगों को लेकर स्टील ठेका श्रमिक यूनियन एक दिवसीय हड़ताल करने जा रही है एवं मुर्गा चौक में पंडाल लगाकर प्रदर्शन करेगी।
कार्यकारिणी की बैठक में संजय कुमार साहू, सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, आर दिनेश, मनोहर लाल, गुरुदेव साहू, जसवीर सिंह, रिखी राम साहू, जय राम ध्रुव, संतोष ठाकुर, डीपी खरे, सुरेश दास टंडन, दाऊलाल कान्हा राम, बलराम वर्मा, कामता प्रसाद, प्रमोद कुमार, इंद्रमणि डामन लाल, नारायण जयकुमार, नवीन कुमार, देवेंद्र कुमार एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।
संयुक्त यूनियनों ने कर्मियों से कहा-नाराजगी दिखाएं जो आपका हक रोक रहा है…
हड़ताल के लिए अब कुछ समय ही बचे हुए हैं। कर्मी हड़ताल को सफल बनाने के लिए न केवल आपस में विभिन्न माध्यमों से चर्चा कर रहे हैं, बल्कि एक-दूसरे को हड़ताल में रहने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। इस सब के मध्य नजर संयुक्त यूनियन के नेता अलग-अलग माध्यमों से यह बता रहे हैं कि बार-बार प्रयास करने के बावजूद सेल प्रबंधन कर्मियों के 39 महीने के एरियर्स एवं बोनस के साथ-साथ अन्य हक एवं अधिकारों को रोक रहा है।
इसके खिलाफ सेल के सभी उद्योगों में कार्यरत सभी प्रमुख यूनियनों ने 14 दिन पहले हड़ताल का नोटिस दिया है हड़ताल को विफल करने के लिए प्रबंधन तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। अब यह वक्त आ गया है कि हम उस प्रबंधन को अपनी नाराजगी दिखाएं जिसने हमारे हक को रोका है।
अभी वक्त है एक होकर लड़ने का
संयुक्त यूनियन का कहना है कि सेल के सभी उद्योगों में हड़ताल की जबरदस्त तैयारी अपने चरम पर है। बोकारो स्टील प्लांट के क्षेत्र में चुनावी आचार संहिता लगने के बावजूद लोग घर से ही रहकर हड़ताल करने की बात कह रहे हैं। इस्को बर्नपुर के सभी यूनियन एक सुर में हड़ताल को सफल करने का ऐलान कर चुके हैं।
वहीं, राउरकेला एवं सालेम स्टील प्लांट में चंद दिनों बाद मान्यता चुनाव होने के बावजूद सभी यूनियने संयुक्त रूप से प्रबंधन के मनमानी के खिलाफ हड़ताल करने के लिए कमर कस लिया है।
भिलाई में 9 यूनियनों ने संयुक्त रूप से हड़ताल का नोटिस दिया तो बक्स ने अलग से हड़ताल का नोटिस दिया। जिन यूनियनों ने हड़ताल का नोटिस नहीं दिया वे भी इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। कुल मिलाकर यह संदेश दिया गया है कि प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ अभी को एक होकर लड़ने का वक्त है।
स्पष्ट लकीर खींचना होगा कि किसके साथ हैं कर्मी
सोशल मीडिया में कोई हड़ताल के समर्थन में तर्कों के साथ लिख रहा है तो कोई प्रबंधन के हथकंडों के बारे में बता रहा है। इन सब बातों के बीच अब यह बात उभर कर आने लगी है कि कर्मी को अब स्पष्ट संदेश देना होगा कि वह किसके साथ है।
प्रबंधन के साथ या यूनियन के साथ, क्योंकि स्थानीय प्रबंधन कर्मियों को हड़ताल तोड़कर काम पर आने को तो कहता है। किंतु उसके हाथ में कर्मियों के पक्ष में निर्णय लेने के लिए कुछ भी नहीं है। इसीलिए कल का दिन बीत जाने के बाद बीते समय को सोचकर पछताने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।