- गुरुवार रात में बेटे से हुई थी बातचीत। इसके बाद कोई फोन भी रिसीव नहीं हो रहा था।
- रविवार दोपहर को बेटा अचानक से घर पहुंचा तो अंदर से दरवाजा बंद था।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के दुर्गापुर और भिलाई स्टील प्लांट (Durgapur Steel Plant and Bhilai Steel Plant) में काम कर चुके पूर्व डीजीएम की लाश घर में मिलने से सनसनी फैल गई। बीएसपी के मैत्रीबाग जू के पूर्व प्रभारी डीजीएम तरविंदर सिंह छत्रिय का शव घर में पाया गया।
मौत कब हुई, यह किसी को पता नहीं सका। बेटे ने जब सीसी टीवी कैमरा चेक किया तो कोई मूवमेंट नहीं दिखा। फोन रिसीव नहीं होने पर शक हुआ और वह घर पहुंचा तो पिता की लाश दिखी। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार होगा।
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मैत्रीबाग जू के पूर्व प्रभारी टीएस छत्रिय पिछले 2 साल से आइसोलेट हो गए थे। नेहरूनगर स्थित चौहान टाउन में अकेले ही रह रहे थे। पुत्र और पत्नी अलग रह रहे थे।
स्मृतिनगर पुलिस चौकी के एएसआई बीएल साहू के मुताबिक मृतक के बेटे ने सीसी टीवी कैमरा चेक किया तो पिता का कोई मूवमेंट नहीं दिखा। लगातार चेक करता रहा। गुरुवार रात में बातचीत हुई थी। इसके बाद कोई फोन भी रिसीव नहीं हो रहा था। रविवार दोपहर को बेटा अचानक से घर पहुंचा तो अंदर से दरवाजा बंद था।
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किसी तरह दरवाजा खोलकर बेडरूम में गए तो वहां बेड के पास शव पड़ा था। गंध आ रही थी। लड़का पाटन के पेंडरी गांव में रहता है। दूसरी पत्नी और बेटी रिसाली में रहती हैं।
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नंदिनी में गुजरा बचपन, दुर्गापुर और बीएसपी में नौकरी
बताया जा रहा है कि टीएस छत्रिय का बचपन बीएसपी के लाइम स्टोन माइंस नंदिनी टाउनशिप में गुजरा है। उनके पिता वहां व्यापार करते थे। पढ़ाई के बाद टीएस छत्रिय सेल से जुड़े और दुर्गापुर स्टील प्लांट से सेवा शुरू की थी। दुर्गापुर से ट्रांसफर होकर बतौर सीनियर मैनेजर 2003 में भिलाई आए थे।
मैग्नीज कांड में नाम उछला था
इसके बाद बीएसपी के चर्चित मैग्नीज कांड में भी नाम उछला था। 2006 में प्लांट से टाउनशिप में ट्रांसफर कर दिया गया। पीएचई, मेडिकल देखने के बाद 2007 में मैत्रीबाग के इंचार्ज बने। 2010 में पीएचडी और 2011 में हॉर्टिकल्चर के इंचार्ज बने। 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हुए थे।
मैत्रीबाग को दे गए यह पहचान
68 वर्षीय स्वर्गीय छत्रिय को एक लड़का हनी और एक बेटी है। मैत्रीबाग के इंचार्ज जीएम डाक्टर नवीन कुमार जैन ने शोक व्यक्त किया है। उनका कहना है कि मैत्रीबाग को नई पहचान छत्रिय साहब ने दी थी। ट्वाय ट्रेन को दोबारा चालू कराया।
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टीएस छत्रिय के साथ काम कर चुके आरिफ खान बताते हैं कि मैत्रीबाग में भारतीय मैप, वन विहार एरिया में मछली फव्वारा, मोमबत्ती लॉन उन्हीं के कार्यकाल में बना है। काम के प्रति समर्पित रहते थे। रात 10 बजे तक काम करते हुए देखा गया है।