
- स्लैग उपयोग दर 85% तक पहुंची, जो एबीपी के 80% लक्ष्य से अधिक है।
- इस बिक्री से एमआरडी ने राजस्व सृजन के नए आयाम स्थापित किए हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) का मटेरियल रिकवरी डिवीजन (एमआरडी) “वेल्थ फ्रॉम वेस्ट” (Material Recovery Division (MRD) “Wealth from Waste”) बनाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। एमआरडी ने 1,81,611 टन अनप्रोसेस्ड एलडी स्लैग को विक्रय हेतु तैयार किया, जो 2023 में बनाये 55,711 टन के रिकॉर्ड से कहीं अधिक है।
इस डिवीजन ने नए रिकॉर्ड दर्ज किए और उम्मीदों से अधिक प्रदर्शन किया, जिससे संयंत्र के उत्पादन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान हुआ।
अपने अभिनव स्लैग प्रोसेसिंग के माध्यम से इस डिवीजन ने 1,54,919.12 टन “स्क्रैप” को एलडी स्लैग से पुनः प्राप्त किया। इसने “ओएच स्क्रैप 0-80” के लिए एक नया बाजार खोला, जिससे बहुत अधिक मात्रा में राजस्व उत्पन्न हुआ। स्लैग उपयोग दर 85% तक पहुंची, जो एबीपी के 80% लक्ष्य से अधिक है। इस बिक्री से एमआरडी ने राजस्व सृजन के नए आयाम स्थापित किए हैं।
एमआरडी द्वारा स्क्रैप और स्लैग से संयंत्र को बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त हुआ है। यह अद्वितीय प्रदर्शन इस डिवीजन की स्थायी प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता और “वेल्थ फ्रॉम वेस्ट” यानि कचरे से मूल्य निर्माण की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
इन उपलब्धियों के साथ-साथ, एमआरडी की सीएफटी सेफ्टी सर्कल टीमों “सुरक्षा समर्थ” और “कवच” ने सीसीक्यूसी-2024 (भिलाई चैप्टर) में गोल्ड अवार्ड जीते। इसके अतिरिक्त, क्वालिटी सर्कल टीम “समर्थ” ने सीसीक्यूसी-2024 (कोयंबटूर चैप्टर) में गोल्ड अवार्ड जीता। ये पुरस्कार, टीमों की मेहनत और समर्पण को दर्शाते हैं।
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मुख्य महाप्रबंधक (एमआरडी) सुशील कुमार ने इन टीमों और कर्मचारियों को उनके निरंतर प्रयास, कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन के प्रति प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी। महाप्रबंधक (ऑपरेशन्स) आलोक कुमार माथुर और महाप्रबंधक (मेंटेनेन्स) दिनामनी नायक ने इस अभिनव पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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यह उपलब्धि एमआरडी की नवाचार और संसाधन पुनः प्राप्ति में उत्कृष्टता का प्रमाण है, जो भिलाई इस्पात संयंत्र को स्थायी औद्योगिक प्रथाओं में अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।