औद्योगिक विवादों और दावों पर बड़ी खबर, केंद्रीय श्रम मंत्रालय का इस पर फोकस

Big news on industrial disputes and claims, Union Labor Ministry's focus on this
औद्योगिक विवादों का समय पर निपटारा जरूरी; लंबे समय से लंबित मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी: श्रम सचिव
  • सचिव (श्रम एवं रोजगार) ने मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) कार्यालय के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रदर्शन की समीक्षा की
  • डावरा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे टीम भावना के साथ एक दूसरे के साथ मिलकर काम करें और श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करें।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) की सचिव सुमिता डावरा ने मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) के कार्यालय के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यों और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए हाइब्रिड मोड में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

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समीक्षा बैठक में वरिष्ठ श्रम एवं रोजगार सलाहकार आलोक चंद्रा, मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) के. शेखर, उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय), क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केंद्रीय), सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) और देशभर के क्षेत्रीय कार्यालयों के श्रम प्रवर्तन अधिकारी (केंद्रीय) शामिल हुए।

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बैठक में औद्योगिक विवादों के लंबित मामलों, दावा मामलों, श्रम सुविधा पोर्टल (एसएसपी) पर निरीक्षण मामलों की रिपोर्टिंग की स्थिति की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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समीक्षा बैठक के दौरान लंबित मामलों के संदर्भ में राज्यवार क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया। औद्योगिक विवादों और दावों से संबंधित मामलों का समय पर निपटान करने वाले क्षेत्रीय कार्यालयों और निरीक्षण रिपोर्टों के लंबित मामलों की संख्या कम होने की सराहना की गई, जबकि जो मामले लंबित रहे, उन्हें कारण बताने और उसके अनुसार सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया गया।

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यह देखते हुए कि औद्योगिक विवादों का समय पर निपटारा आवश्यक है, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) के सचिव ने क्षेत्रीय अधिकारियों से औद्योगिक विवाद मामलों के लंबित होने का जायजा लिया, इसके कारण पूछे तथा उनके शीघ्र निपटारे के निर्देश जारी किए।

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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से लंबित दावा मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए  और क्षेत्रीय कार्यालयों को उचित योजना के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि लंबित मामलों के कारणों का उचित आकलन करना चाहिए तथा श्रमिकों की दुर्दशा को कम करने के लिए शीघ्र सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के सचिव ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि औद्योगिक विवादों की संख्या में कमी भारत को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करेगा, जो देश के कारोबारी माहौल में सुधार के लिए एक अच्छा संकेत होगा और जिससे हमारे जनसांख्यिकीय लाभांश के लिए अधिक विकास और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, साथ ही विकसित भारत@2047 का सपना भी साकार होगा।

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समीक्षा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय कार्यालयों की साप्ताहिक प्रगति की जानकारी ली जाएगी। सुश्री डावरा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे टीम भावना के साथ एक दूसरे के साथ मिलकर काम करें और श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करें।

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