Suchnaji

लोकसभा की 542 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे पेंशनर्स, मसौदा तैयार…!, नाराजगी मोदी सरकार-EPFO से

लोकसभा की 542 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे पेंशनर्स, मसौदा तैयार…!, नाराजगी मोदी सरकार-EPFO से
  • पेंशनर्स नोटा के पक्ष में भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। पढ़िए-कौन, क्या बोल रहा है।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशनर्स (EPS 95 Pensioners) इस वक्त पीएम मोदी सरकार (PM Narendra Modi Government) और EPFO से नाराज हैं। महज 1 हजार रुपए पेंशन वालों ने अब टेंशन देने का रास्ता निकाला है। लोकसभा चुनाव में पेंशनर्स को मैदान में उतारने की तैयारी है। देश की 542 सीटों पर पेंशनर्स को चुनाव लड़ाने की बात सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दी गई है।

AD DESCRIPTION

ये खबर भी पढ़ें : सुरक्षा प्रोत्साहन सप्ताह 2024: प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट में लगा सेफ्टी मेला, कर्मचारियों-ठेका मजदूरों ने जीता पुरस्कार

पेंशनर्स Sasi Nair ने लिखा-मैंने सभी 542 निर्वाचन क्षेत्रों में व्यक्तिगत उम्मीदवारों को मनोनीत करके चुनाव में भाग लेने को प्रोत्साहित करने के लिए एक अधिसूचना का मसौदा तैयार किया है। मैं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों, पेंशनभोगी, पीएफ योगदानकर्ताओं और समाज के सभी वर्गों के परिवारों को भी इन व्यक्तिगत उम्मीदवारों को वोट करने की सलाह दे रहा हूं। आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

ये खबर भी पढ़ें : 53वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस: Bhilai Steel Plant ने दोहराया सुरक्षा का मंत्र, लगी गब्बर की पाठशाला, सबने खाई कसम

ईपीएफ,ईपीएस की लड़ाई कभी खत्म नहीं होने वाली

ईपीएस 95 पेंशन की बात करते हुए एक अन्य पेंशनर्स ने लिखा-ईपीएफ,ईपीएस की लड़ाई कभी खत्म नहीं होने वाला विषय है। मुझे आश्चर्य है कि क्यों हमारा राजनीतिक वर्ग अपने उत्तराधिकारों और आम जनता के लिए अधिक से अधिक सिरदर्द पैदा करता है।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL कर्मचारियों को हर महीने 1 हजार से ज्यादा का नुकसान, Bhilai BMS 6 को घेरेगी बोरिया गेट

दरिद्र रेखा की परिभाषा कौन सी है?

पेंशनर्स Mukund Pingale ने कहा-मैं बहुत महीने से कह रहा हूं कि चुनाव में अपना वोट गंवाओ मत,खुद, खुद का परिवार, सब रिश्तेदार,मित्र परिवार से अपील करो कि नोटा का बटन दबाएं। बेरोजगारी बढ़ती जा रही। अमीर और अमीर हो रहे। गरीब और गरीब होते जा रहे। ईपीएस पेंशनर जैसे…।

ये खबर भी पढ़ें : 53वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस: Bhilai Steel Plant ने दोहराया सुरक्षा का मंत्र, लगी गब्बर की पाठशाला, सबने खाई कसम

क्या 1000 रुपए में दोनों का गुजारा होता है। और ये सरकार बोलती है कि इतने लाख, इतने करोड़ लोगों को दरिद्र रेखा के ऊपर लाया। ईपीएस के पेंशनर इनको नहीं दिखे। ये लोग कौन से अमीर हैं।

ये खबर भी पढ़ें : सुरक्षा प्रोत्साहन सप्ताह 2024: प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट में लगा सेफ्टी मेला, कर्मचारियों-ठेका मजदूरों ने जीता पुरस्कार

1000 रुपए महीने से साल के 12000 होते हैं। ऐसे करीब 60 लाख लोग हैं। इनकी दरिद्र रेखा की परिभाषा कौन सी है? ये सब ध्यान में रखकर नोटा का चुनाव में प्रयोग करें। फिर देखो कितने काम वोट से गिरते है?

ये खबर भी पढ़ें : International Womens Day 2024: सेफी में दिखेंगी महिला अफसर, डायरेक्टर इंचार्ज और ED वर्क्स की कुर्सी पर भी नज़र