- ट्राई ने ‘मशीन-टू-मशीन संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग’ पर अपनी सिफारिशें जारी कीं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज ‘मशीन-टू-मशीन (एम-टू-एम) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग’ पर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।
ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 Pension: पेंशनर्स की तरफ से EPFO-सरकार पर आ रही ये बड़ी बात
दूरसंचार विभाग ने अपने पत्र दिनांक 09.11.2021 के माध्यम से ‘मशीन-टू-मशीन (एम-टू-एम) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग पर ट्राई अधिनियम, 1997 के तहत ट्राई से सिफारिशें मांगी थीं। इस संबंध में ट्राई ने सभी हितधारकों से टिप्पणियां/प्रतिटिप्पणियां प्राप्त करने के लिए 25.07.2022 को ”मशीन-टू-मशीन संचार के लिए एंबेडेड सिम’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।
इसके जवाब में 15 हितधारकों ने अपनी टिप्पणियां भेजी। परामर्श पत्र पर एक खुली चर्चा का आयोजन 14.12.2022 को वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया था। हितधारकों से प्राप्त टिप्पणियों/इनपुट के आधार पर इस विषय पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। स्वयं के विश्लेषण के आधार पर ट्राई ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।
इकोसिस्टम के अवसरों में व्यापक विस्तार
देश में 5जी सेवाओं के शुरू होने के साथ मशीन-टू-मशीन इकोसिस्टम के अवसरों में व्यापक विस्तार हुआ है, जिससे कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य देखभाल और औद्योगिक स्वचालन जैसे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों का दायरा बढ़ा है।
इन सिफारिशों का उद्देश्य भारत में मशीन-टू-मशीन एम्बेडेड सिम (ई-सिम) के नियामक परिदृश्य को सुव्यवस्थित करना है। इन सिफारिशों के माध्यम से प्राधिकरण ने अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया है, जो नेटवर्क सुरक्षा सुनिश्चित करने, धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करने और मशीन-टू-मशीन ई-सिम इकोसिस्टम की समग्र अखंडता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
ई-सिम की प्रोफ़ाइल स्विचिंग
प्राधिकरण ने ई-सिम की प्रोफ़ाइल स्विचिंग और एसएम-एसआर की स्वैपिंग के लिए एक ढांचे की भी सिफारिश की है। यह मशीन-टू-मशीन ई-सिम उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण लचीलापन प्रदान करेगा जिससे इस क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहन
सरकार द्वारा इन सिफारिशों को लागू करने से भारत में दूरसंचार क्षेत्र के मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम खंड में व्यवस्थित विकास को बढ़ावा मिलेगा और इससे देश में घरेलू मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे आधुनिक मशीन-टू-मशीन संचार का बेहतर विकास होगा।
इन सिफारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं
–भारत में अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पर आयातित डिवाइस में लगे किसी भी मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम पर सभी संचार प्रोफाइल को ऐसी मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम पर अंतरराष्ट्रीय रोमिंग की सक्रियता की तारीख या डिवाइस के स्वाईमित्वर में परिवर्तन होने पर जो भी पहले हो, की छह महीने की अवधि में भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) की दूरसंचार प्रोफाइल में अनिवार्य रूप से परिवर्तित/पुन: कॉन्फ़िगर किया जाना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : SAIL RSP: शाबाश पुरस्कार योजना में 63 कर्मचारियों को मिला गिफ्ट
-एकीकृत एक्सेस सेवा लाइसेंस धारक, एकीकृत लाइसेंस (एक्सेस सेवा प्राधिकार) धारक, एकीकृत लाइसेंस (मशीन-टू-मशीन प्राधिकार) धारक, वीएनओ के लिए एकीकृत (एक्सेस सेवा प्राधिकार) धारक के लिए एकीकृत लाइसेंस, वीएनओ (मशीन-टू-मशीन प्राधिकार) धारक के लिए एकीकृत लाइसेंस और भारत में सब्सक्रिप्शन मैनेजर-सिक्योर रूटिंग (एसएम-एसआर) के स्वामित्व और प्रबंधन की विशिष्ट अनुमति के साथ मशीन-टू-मशीन सेवा प्रदाता (मशीन-टू-मशीन एसपी) पंजीकरण रखने वाली कंपनियों को देश में एसएम-एसआर के स्वामित्व और प्रबंधन की अनुमति दी जानी चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Township: सेक्टर-1 व सेक्टर-4 में 21 मार्च को नहीं आएगा पानी
-भारत में आयातित उपकरणों में फिट किए गए मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम पर भारतीय टीएसपी की प्रोफाइल स्थापित करने के लिए, संबंधित मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) और मशीन-टू-मशीन एसपी को मौजूदा विदेशी एसएम-एसआर के माध्यम से सब्सक्रिप्शन मैनेजर-डेटा प्रिपरेशन (एसएम-डीपी) से (i) प्रोफाइल डाउनलोड के बीच चयन करने की छूट दी जानी चाहिए या एसएम-एसआर को विदेशी से भारतीय में मशीन-टू-मशीन ई-सिम में बदलने के बाद नये भारतीय भारतीय एसएम-एसआर के माध्यम से भारतीय टीएसपी की एसएम-डीपी से डाउनलोड की प्रोफाइल की अनुमति दी जानी चाहिए।
-मशीन-टू-मशीन एसपी पंजीकरणकर्ता/दूरसंचार सेवा लाइसेंसधारी, जिसका एसएम-एसआर भारत में मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम को नियंत्रित करता है, उस लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाता के एसएम-डीपी के साथ अपने एसएम-एसआर के एकीकरण से इनकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनकी प्रोफाइल ऐसे मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम में जोड़ी जानी है। ऐसा संबंधित ओईएम/एम2एमएसपी के अनुरोध पर किया जाता है।
-एसएम-एसआर का एसएम-डीपी के साथ एकीकरण जीएसएमए के विनिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए और यह कार्य संबंधित ओईएम/मशीन-टू-मशीन एसपी से औपचारिक अनुरोध प्राप्त की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : सेल एनजेसीएस बैठक: 39 माह के बकाया एरियर पर बड़ी खबर
-मशीन-टू-मशीन एसपी पंजीकरणकर्ता/दूरसंचार सेवा लाइसेंसधारी, जिसका एसएम-एसआर भारत में मशीन-टू-मशीन ईएसआईएम को नियंत्रित करता है, उसे अनिवार्य रूप से किसी अन्य इकाई के एसएम-एसआर के साथ अपने एसएम-एसआर को स्विच करने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
-ऐसा भारत में एसएम-एसआर रखने के लिए पात्र होने पर संबंधित ओईएम/एम2एमएसपी के अनुरोध पर किया जाना चाहिए। ऐसी एसएम-एसआर स्विचिंग को जीएसएमए के विनिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए और यह कार्य संबंधित ओईएम/मशीन-टू-मशीन एसपी से औपचारिक अनुरोध प्राप्त होने की तिथि से छह महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : श्रीरामनवमी की तैयारियों को लेकर बड़ा अपडेट
-इसके कार्यान्वयन में चुनौतियों को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा भारतीय संस्थाओं को आवंटित 901.XX आईएमएसआई श्रृंखला के उपयोग को इस स्तर पर भारत में मशीन-टू-मशीन सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सिफारिशें ट्राई की वेबसाइट पर
यह सिफारिशें ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in पर डाल दी गई हैं। किसी स्पष्टीकरण/जानकारी के लिए, यदि कोई हो, श्री अखिलेश कुमार त्रिवेदी, सलाहकार (नेटवर्क स्पेक्ट्रम और लाइसेंसिंग), ट्राई से टेलीफोन नंबर +91-11-23210481 या advmn@trai.gov.in पर ईमेल पर संपर्क किया जा सकता है।